बस्ती। जिले के मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश प्रजापति ने 24 जनवरी को आदेश जारी किया था कि खुले में पशु घूमते मिले तो पशुपालकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। आदेश महज औपचारिकता बनकर रह गया। इसका न तो पशुपालकों पर कोई असर हुआ और न ही नगरपालिका पर। नतीजा ये है कि छुट्टा पशु नगरवासियों के लिये मुसीबत बने हुये हैं। नगरवासियों का कहना है कि ऐसे आदेश अनेकों बार जारी हुये हैं। आदेश जारी करने वाला अपना काम करता है और घाघ उसे एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं। सीडीओ ने जारी आदेश में कहा था कोई भी व्यक्ति यदि अपने पशुओं को खुले में छोडेगा तो उसके विरूद्ध पशु क्रूरता अधिनियम की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही करायी जायेंगी।
सी डी ओ का आदेश महज औपचारिकता बनकर रह गया।
जिले के मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश प्रजापति ने 24 जनवरी को आदेश जारी किया था कि खुले में पशु घूमते मिले तो पशुपालकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। आदेश महज औपचारिकता बनकर रह गया।