डीएम ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के संभावित संक्रमण के दृष्टिगत बाल विकास विभाग के तैयारियों की किया समीक्षा

वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन पर दिया जोर


देवरिया । कोरोना वायरस के नये रूप ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के संभावित खतरे के दृष्टिगत जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बाल विकास विभाग के तैयारियों की समीक्षा गूगल मीट के माध्यम से की।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में अभी भी कुछ लोग कोविड के टीकाकरण से वंचित हैं, विशेषकर अतिकुपोषित बच्चों के माता-पिता जो अभी तक टीका नही लगवाये हैं। उनका चिन्हित करते हुए बाल विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर शीघ्रातिशीघ्र टीकाकरण करें।

 चूंकि भारत वर्ष में छोटे बच्चों का टीका अभी तक न बन पाने के कारण यदि भविष्य में इस वैरिएन्ट का तेजी से प्रसार होता है तो ऐसे बच्चे हाई रिस्क जोन में होंगे। यदि इन बच्चों के माता-पिता को टीका लगवा दें तो बच्चों के संक्रमित होने के सम्भवना भी कम हो जायेगी। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि अभी तक जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में यह भ्रान्ति है कि गर्भवती, धात्री महिलाओं व गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को टीका नही लगवाना है। 

जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को यह निर्देश दिया कि वे बाल विकास विभाग के कार्मिकों को निर्देशित करें कि ग्राम वासियों को जागरूक करते हुए कोविड टीकाकरण सत्रों पर गर्भवती, धात्री महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को टीकाकरण केन्द्रों पर जाने हेतु मोबलाइज कर टीकाकरण कराएं। 

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ग्राम में भ्रमण के समय लाभार्थियों के माता-पिता एवं ग्राम वासियों को कोविड से बचाव के सम्बन्ध में मास्क के उपयोग, भीड़-भाड़ से बचने एवं साफ-सफाई स्वच्छता व बार-बार हाथ धोने के सम्बन्ध में जागरूक करायें। गूगल मीट से जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण कान्त राय,  समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी सहित समस्त मुख्य सेविकायें भी जुडी रही।
 

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