अवैध कब्जा का मामला एसडीएम कोर्ट से पहुंचा हाई कोर्टसरकारीजमीनपरभूमाफिया का कब्जा एसडीएम की चुप्पी पर सवालतहसीलदार विनय प्रभाकर की मिली भगत से सामुदायिक विकास योजना की भूमि पर अबैध कब्जा

अवैध कब्जा का मामला एसडीएम कोर्ट से पहुंचा हाई कोर्टसरकारीजमीनपरभूमाफिया का कब्जा एसडीएम की चुप्पी पर सवालतहसीलदार विनय प्रभाकर की मिली भगत से सामुदायिक विकास योजना की भूमि पर अबैध कब्जा

बस्ती। बस्ती जिले में सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं का अवैध कब्जा जारी है ।बहादुरपुर गांव में भू-माफियाओं ने एक सरकारी भूखंड पर कब्जा कर लिया है ।जिससे योगी सरकार के एंटी भू माफिया अभियान की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं । स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्र में प्रभावशाली लोग लगातार सरकारी भूखंडों के साथ-साथ ब्लाक की सामुदायिक विकास योजन की जमीनों पर भी अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं ।इस मामले की शिकायत शिकायतकर्ता ने तहसील प्रशासन के साथ-साथ जिलाधिकारी तथा मजिस्ट्रेट को भी किया पर उचित कार्रवाई नहीं की गई ।
 
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन की ढिलाई और पुलिस की कथित मिली भगत के कारण भू-माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है । प्राप्त समाचार के अनुसार बहादुरपुर ब्लाक सामुदायिक विकास योजना की भूमि के एक हिस्से पर निर्माणाधिन है । शेष जमीन पर भूमाफियाओं का स्थाई एवं अस्थाई रूप अबैध कब्जा दारों का कब्जा है । शिकायतकर्ता चन्द्र प्रकाश तथा श्रवण कुमार ने अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसमें लालचंद,फूलचंद,मुखराम,प्रेमचंद,राजमती आदि द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण कराने का आरोप लगाया था।
 
एसडीएम सदर की चुप्पी तहसीलदार के कृतियों पर्दा डाल रहे हैं । वही तहसीलदार सदर विनय प्रभाकर के कान के नीचे जूं तक नहीं रेंग रहा है । वे अपने चहेते कब्जेदारो से सांठगांठ कर कानूनी दांव-पेंच से बचाव कर रहे हैं और एसडीएम सदर चुप्पी साधे हुए हैं । एसडीएम कोर्ट मे चल रहें अवैध कब्जा का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है शिकायतकर्ता चंद्रप्रकाश तथा श्रवण कुमार ने थक हार कर हाई कोर्ट का शरण लिया और कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया है ।पीड़ित ने आरोप लगाया कि तहसीलदार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं वे अवैध कब्जेदारों से रिश्वत लेकर कार्रवाई न करना पड़े टालमटोल किए जा रहे हैं ।बड़ा सवाल यह है कि क्या तहसील प्रशासन सामुदायिक विकास योजना की जमीन को अवैध कब्जेदारों से कब्जा मुक्त कराती है या फिर उनसे डिमांड बढ़ाकर मामले को तहबह करने में लगी रहती है। तहसीलदार सदर द्वारा कार्रवाई न करना यह संकेत देता है की दबंग के साथ मिली भगत करके जमीन पर कब्जा करवा रहे हैं

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