अयोध्या में धर्म-ध्वज प्रतिष्ठा: राष्ट्र की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव का ऐतिहासिक क्षण

अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर पवित्र धर्म-ध्वज की प्रतिष्ठा का भव्य और दिव्य समारोह हुआ सम्पन्न

अयोध्या में धर्म-ध्वज प्रतिष्ठा: राष्ट्र की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव का ऐतिहासिक क्षण

अमेठी। अयोध्या धाम में सोमवार को भगवान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर पवित्र धर्म-ध्वज की प्रतिष्ठा का भव्य और दिव्य समारोह हुआ सम्पन्न। इस अवसर ने पूरे देश में आस्था, संस्कृति और राष्ट्रीय एकात्मता की भावना को और प्रगाढ़ किया। जिला अध्यक्ष सुधांशु शुक्ला ने बताया अमेठी की पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस आयोजन को “भारतीय सभ्यता, आध्यात्मिक तेज और सनातन सांस्कृतिक निरंतरता का अद्वितीय प्रतीक” बताया।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पन्न इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान में  सरसंघचालक मोहन भागवत तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति ने इसे और अधिक ऐतिहासिक बना दिया। स्मृति ईरानी ने कहा कि यह केवल परंपराओं की पुनर्स्थापना नहीं, बल्कि रामराज्य के आदर्श—धर्म, मर्यादा, सेवा, न्याय और लोककल्याण—की पुनर्प्रतिष्ठा का राष्ट्रीय संकल्प है।मंदिर के शिखर पर स्थापित धर्म-ध्वज को भारतीय संस्कृति के गौरव, त्याग, आस्था और आध्यात्मिक सामर्थ्य का सजीव प्रतीक माना जा रहा है। केसरिया ध्वज का लहराना राष्ट्र के सनातन स्वर और आध्यात्मिक ऊर्जा को नई दिशा देने वाला बताया गया है।
 
अनुष्ठान के दौरान मंदिर परिसर में स्थापित रामायण के विभिन्न प्रसंग, सांस्कृतिक पट्ट और शिल्प भारतीय परंपराओं के जीवंत संदर्भ के रूप में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। स्मृति ईरानी ने कहा कि अयोध्या विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति के दिव्य केंद्र के रूप में उभर रही है।इस पावन अवसर पर उन्होंने प्रभु श्रीराम से देशवासियों के कल्याण, समृद्धि और शांति की कामना की। स्मृति ईरानी ने कहा कि यह क्षण भारत की आत्मा को और प्रखर तथा एकीकृत करने वाला है।

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