सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सिंचाई व्यवस्था
किसान पानी को तरस रहे, क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई का संकट गहराता जा रहा है
ललितपुर। सजनाम बांध से निकलने वाली सिंगेपुर-खजुरिया माइनर नंबर 1 की दुर्दशा ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। माइनर खजुरिया गांव से होकर गुजरती है, लेकिन लंबे समय से इसकी मरम्मत न होने और जगह-जगह टूट जाने के कारण बांध से छोड़ा गया पानी खेतों तक पहुंच ही नहीं पा रहा। वहीं, जहां किसी तरह पानी पहुंच भी रहा है, वहां वह फसलों को बचाने के बजाय पूरी तरह बर्बाद कर रहा है। माइनर के कई स्थानों पर टूटे होने के चलते पानी खेतों में पहुंचने से पहले ही बाहर बह जाता है। ऊपर की तरफ से बहकर निकलने वाला पानी बड़े नाले में समा जाता है, जिससे सिंचाई के लिए छोड़ा गया कीमती पानी व्यर्थ चला जाता है।
मरम्मत के नाम पर कागजों में बजट खर्च दिखा दिया जाता है, जबकि जमीनी हकीकत में माइनर और नहरें जर्जर हालत में पड़ी हैं। विभाग के अधिकारी मलाई खा रहे हैं, ठेकेदार मजे कर रहे हैं, और हम किसान पानी के लिए आस लगाए बैठे हैं। लगातार खराब होती सिंचाई व्यवस्था से किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। कई किसानों ने बताया कि वे कई बार विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। हर बार आश्वासन मिलता है, पर माइनरों की मरम्मत आज तक नहीं हुई। खराब सिंचाई व्यवस्था का सीधा असर रबी की तैयार फसलों पर पड़ रहा है।
चना, गेहूं और मसूर जैसी प्रमुख फसलों के लिए समय पर पानी अत्यंत आवश्यक है, लेकिन टूटे माइनरों और नहरों के कारण पानी पहुंच नहीं पा रहा। यदि हालात जल्द नहीं सुधरे तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की माइनरों और नहरों की तुरंत मरम्मत,जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों की जांच,सिंचाई की नियमित निगरानी की मांग उठायी है।

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