पाकिस्तान -लश्कर के गाजी का अंत… टॉप कमांडर सैफुल्लाह खालिद की पाकिस्तान में हत्या
भारत में तीन हमलों का था मास्टरमाइंड
पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर रजाउल्लाह निजामानी उर्फ अबू सैफुल्लाह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इसको सिंध प्रांत के मटली शहर के फालकारा चौक के पास मारा गया, जहां हमलावरों ने उसे घर से निकलते ही निशाना बनाया और मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक घटना ने लश्कर-ए-तैयबा और आतंकी नेटवर्कों में हड़कंप मचा दिया है. लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर रजाउल्लाह निजामानी उर्फ सैफुल्लाह खालिद की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इसको सिंध प्रांत के मटली शहर के फालकारा चौक के पास मारा गया, जहां हमलावरों ने उसे घर से निकलते ही निशाना बनाया और मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया.अबू सैफुल्लाह खालिद मालन क्षेत्र का निवासी था, लंबे समय तक कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा था.
कश्मीर जिहाद से लौटने के बाद लश्कर-ए-तैयबा ने उसे गाजी अबू सैफुल्लाह की उपाधि दी गई थी. हालांकि कहा जाता है कि हाल ही में संगठन ने उसे अलर्ट किया था और उसकी गतिविधियों पर सीमित रहने का निर्देश भी दिया था. साथ ही उसे सुरक्षा भी दी गई थी, लेकिन जिस दिन वह मटली शहर में अपने घर से बाहर निकला, उसी दिन हमलावरों ने उसके सिर और सीने में गोलियां दाग दीं. अबू सैफुल्लाह भारत में लश्कर के कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था. माना जाता है कि वह भारत में कम से कम तीन आतंकी हमलों की साजिश में मुख्य भूमिका निभा चुका था.
इन तीन हमलों में था सैफुल्लाह का दिमाग
रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमला… साल 2001 में उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले की साजिश रजाउल्लाह निजमानी ने रची थी. इस हमले में आतंकियों ने भारी गोलीबारी की थी, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे. बाद में जांच एजेंसियों ने इस हमले की प्लानिंग से जुड़े जो नाम सामने लाए, उनमें अबू सैफुल्लाह सबसे ऊपर था.
बंगलौर में मचाया था आतंक का तांडव… अबू सैफुल्लाह ने 2005 में बंगलौर में हुए सिलसिलेवार धमाकों की साजिश भी रची थी. इन धमाकों से बंगलौर शहर दहल गया था. आईटी कंपनियों और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए हमला किया गया था.
नागपुर में RSS मुख्यालय को बनाया था निशाना… साल 2006 में नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय को निशाना बनाकर एक बड़ा हमला करने की कोशिश की गई थी. हालांकि समय रहते सुरक्षाबलों ने हमलावरों को ढेर कर दिया, लेकिन जांच में साफ हुआ कि इस हमले के पीछे भी अबू सैफुल्लाह का ही दिमाग था.
लश्कर के लिए भर्ती व फंडिंग की जिम्मेदारी
स्थानीय सूत्रों और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, अबू सैफुल्लाह की हत्या किसी सुनियोजित टारगेट किलिंग का हिस्सा हो सकती है. अबू सैफुल्लाह जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों का संचालन कर चुका था और पाकिस्तान लौटने के बाद वह सिंध में जमात और लश्कर के लिए भर्ती व फंडिंग जैसे अभियानों में सक्रिय था.
आतंक की दुनिया में कहीं टकराव तो नहीं
इस हत्या ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्कों के भीतर गुटबाजी और आंतरिक टकराव की आशंकाओं को भी जन्म दे दिया है. अबू सैफुल्लाह जैसे प्रशिक्षित और गाज़ी घोषित आतंकी की इस तरह हत्या, यह बताती है कि पाकिस्तान में आतंक के संरक्षक अब खुद असुरक्षित होते जा रहे हैं. साथ ही यह घटना एक और संकेत देती है कि सिंध जैसे इलाकों में भी आतंकी संगठनों के भीतर आपसी प्रतिद्वंद्विता या विरोध तेज हो चुका है.
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