मिट्टी का खनन जोरों पर,जिम्मेदार बेखबर
मलिहाबाद तहसील प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत ?
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ग्रामीणों का आरोप....साहब!राज बदला है, रिवाज नाई, पईसा म बड़ी ताकत है
मलिहाबाद, लखनऊ। मलिहाबाद तहसील क्षेत्र में खनन माफियाओं का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। उन्हें पुलिस और खनन विभाग का डर नहीं है।इसे जिम्मेदारों की मिलीभगत समझी जाए या फिर लापरवाही। आपको बता दें कि मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के कई गांवों में खनन माफिया धरती का सीना चीरकर मिट्टी निकाल रहे हैं। प्रशासन की तरफ से भी खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।इस दिनों तहसील क्षेत्र अंतर्गत मिट्टी खनन का कार्य जोरों पर है।
खनन माफिया धरती का सीना चीर रहे हैं। जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं। इस समस्या पर लगाम लगाने को लेकर जिम्मेदार अधिकारी संजीदा दिखाई नहीं देते। जिससे खनन माफियाओं का अवैध धंधा खूब फल-फूल रहा है।लोगों का आरोप है कि माफिया तहसील प्रशासन और पुलिस को मोटी रकम देकर यह धंधा कर रहे हैं।
जिम्मेदारों पर भी सवाल
मलिहाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत बेरोकटोक खनन का कार्य जोरों पर चल रहा है। जिससे तहसील प्रशासन व पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।
सह या अनदेखी
शासन व प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। खनन माफिया द्वारा धड़ल्ले से अवैध मिट्टी का करोबार किया जा रहा है और खनन विभाग को इसकी भनक तक भी नहीं है या यह कहे कि उनकी सरपरस्ती में ही यह खेल खेला जा रहा है। इस कारोबार से जहां खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं, वहीं हर महीने सरकार को करोड़ों के राजस्व की भी हानि हो रही है। अवैध खनन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनन का गोरखधंधा बेरोकटोक चल रहा है।
कानून महज कागजों में दर्ज हैं। जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मिट्टी खनन के खेल में लिप्त माफियाओं और दबंगों से लेकर सफेदपोश हस्तियों के हाथ में है। कोई इसका विरोध नहीं कर सकता।मलिहाबाद तहसील क्षेत्र में खनन माफियाओं का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। उन्हें पुलिस और खनन विभाग का डर नहीं है।इसे जिम्मेदारों की मिलीभगत समझी जाए या फिर लापरवाही।
आपको बता दें कि मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के कई गांवों में खनन माफिया धरती का सीना चीरकर मिट्टी निकाल रहे हैं। प्रशासन की तरफ से भी खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।इस दिनों तहसील क्षेत्र अंतर्गत मिट्टी खनन का कार्य जोरों पर है। खनन माफिया धरती का सीना चीर रहे हैं। जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं। इस समस्या पर लगाम लगाने को लेकर जिम्मेदार अधिकारी संजीदा दिखाई नहीं देते। जिससे खनन माफियाओं का अवैध धंधा खूब फल-फूल रहा है।लोगों का आरोप है कि माफिया तहसील प्रशासन और पुलिस को मोटी रकम देकर यह धंधा कर रहे हैं।
जिम्मेदारों पर भी सवाल.........
मलिहाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत बेरोकटोक खनन का कार्य जोरों पर चल रहा है। जिससे तहसील प्रशासन व पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।
सह या अनदेखी.......
शासन व प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। खनन माफिया द्वारा धड़ल्ले से अवैध मिट्टी का करोबार किया जा रहा है और खनन विभाग को इसकी भनक तक भी नहीं है या यह कहे कि उनकी सरपरस्ती में ही यह खेल खेला जा रहा है। इस कारोबार से जहां खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं, वहीं हर महीने सरकार को करोड़ों के राजस्व की भी हानि हो रही है।
अवैध खनन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनन का गोरखधंधा बेरोकटोक चल रहा है। कानून महज कागजों में दर्ज हैं। जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मिट्टी खनन के खेल में लिप्त माफियाओं और दबंगों से लेकर सफेदपोश हस्तियों के हाथ में है। कोई इसका विरोध नहीं कर सकता।
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