हाथियों की चिंघाड़ और बाघ की दहाड़ से सदमे में ग्रामीण, सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
On
पीलीभीत। फैजुल्लागंज में लगातार हाथी अपना डेरा जमाए हुए हैं। वहीं मथना जप्ती में भी बाघ जाने का नाम नहीं ले रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष में कई लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद अब ग्रामीण काफी दहशत में हैं। माधोटांडा क्षेत्र के अंतर्गत इन दिनों बाघ और हाथियों का काफी आतंक फैला हुआ है। लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
जंगल के किनारे रहने वाले ग्रामीणों में हाथियों और बाघ का इतना भय फैल गया है कि रात्रि में ग्रामीण घरों में भी खुद को सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं। दिन के उजाले में अपने खेतों की रखवाली भी नहीं कर पा रहे हैं। फैजुल्लागंज में लगातार हाथी अपना डेरा जमाए हुए हैं। वहीं मथना जप्ती में भी बाघ जाने का नाम नहीं ले रहा है।
मानव वन्यजीव संघर्ष में कई लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद अब ग्रामीण काफी दहशत में हैं। माधोटांडा क्षेत्र के अंतर्गत इन दिनों बाघ और हाथियों का काफी आतंक फैला हुआ है। गुरुवार शाम को मथना जप्ती के निकट चकरपुर में एक बाघ आबादी के निकट पहुंच गया। भाग सिंह के घर के पास में बने हुए एक तालाब के पास में बाघ आराम करने लगा।
तालाब पर आराम करने लगा बाघ।
जैसे ही ग्रामीणों को क्षेत्र में बाघ होने की सूचना मिली, वैसे ही चारों ओर शोर मच गया। दर्जनों ग्रामीण एकत्रित हो गए और तालाब के किनारे बैठे हुए बाघ की वीडियो भी बना ली। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित हो रही है। इस इलाके में लगातार बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है। मथना जप्ती के पास गुरुद्वारे के निकट भी कई दिनों तक बाघ गन्ना के खेत में बैठा रहा था। अक्सर माधोटांडा- पीलीभीत मार्ग पर भी बाघ निकलकर विचरण करने लगता है।
अब तक चार लोगों को बनाया शिकार।
हाल ही में इस इलाके के आसपास बाघ ने चार लोगों को अपना शिकार बना लिया। ऐसी स्थिति में ग्रामीण दिन में भी अपने घरों से बाहर निकलते हुए डर रहे हैं। रात्रि में तो ग्रामीणों ने फसलों की रखवाली करना ही छोड़ दिया। वन विभाग के द्वारा लगातार बाघ की निगरानी की जा रही है। लेकिन उसका भी कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। ग्रामीण बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि इस क्षेत्र में एक नहीं चार बाघ जंगल से बाहर निकले हुए हैं। जो अलग-अलग स्थान पर घूमते नजर आ रहे हैं।
नेपाल के जंगली हाथियों ने जमाया डेरा।
उधर फैजुल्लागंज क्षेत्र में भी नेपाल के जंगली हाथी अपना डेरा जमा चुके हैं। रमेश नाम के एक व्यक्ति को पैरों से कुचलने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। तब से इस पूरे क्षेत्र में हाथियों का खौफ बरकरार है। हाथी जंगल के किनारे आकर ग्रामीणों में भय पैदा कर रहे हैं। गुरुवार की रात्रि फिर से फैजुल्लागंज क्षेत्र में हाथी दिखाई दिए। यहां पर भी लगातार वन विभाग की टीमें जंगली हाथियों की निगरानी कर रहीं हैं। ऐसी स्थिति में हाथियों की चिंघाड़ और बाघ की दहाड़ से ग्रामीण काफी दहशत में है।
सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे ग्रामीण।
अगर बाद ग्रामीणों की सुरक्षा की करी जाए तो अब ग्रामीण भी स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहें हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वह लोग घर में ही बैठे रहेंगे तो उनके पास खाने तक की व्यवस्था नहीं बचेगी। बाहर जाने की स्थिति में बाघ और हाथी जैसे हिंसक वन्य जीवों से खतरा बना हुए हैं।
वन विभाग कर रहा तार फेंसिंग।
अब वन विभाग के द्वारा तार फेंसिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जिसमें लगभग 25 किलोमीटर तक संवेदनशील इलाकों में तार फेंसिंग कराई जाएगी। जिससे ग्रामीणों को हिंसक वन्य जीवों से बचाया जा सके। बराही वन क्षेत्र के क्षेत्राधिकार अरुण मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि हाथियों की निगरानी के लिए वह स्वयं ही टीम के साथ लगे हुए हैं। अलग-अलग टीमें भी तैनात कर दी गई है। ग्रामीणों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
Related Posts
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
12 Dec 2025
12 Dec 2025
11 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
10 Dec 2025 20:28:56
Kal Ka Mausam: उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार...
अंतर्राष्ट्रीय
28 Nov 2025 18:35:50
International Desk तिब्बती बौद्ध समुदाय की स्वतंत्रता और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन के कथित हस्तक्षेप के बढ़ते विवाद...

Comment List