नेपाल : बड़ा रोचक है गण्डक नदी का पौराणिक गाथा जाने क्यों गंडक नदी में पत्थर बन गये विष्णु भगवान

इस नदी का उल्लेख महाकाव्यों में सदानीरा के तौर पर किया गया

नेपाल : बड़ा रोचक है गण्डक नदी का पौराणिक गाथा जाने क्यों गंडक नदी में पत्थर बन गये विष्णु भगवान

गज और ग्राह यानी हाथी और घड़ियाल का युद्ध त्रिवेणी के तट गजगड़ स्थान के गंडक नदी में हुआ

ब्यूरो रिपोर्ट : प्रमोद रौनियार

कुशीनगर। गण्डक नदी को नेपाल में सालिग्रामि या सालग्रामी और मैदानी इलाकों में नारायणी और सप्तगण्डकी भी कहा जाता है। यह नदी, नेपाल और बिहार से होकर यूपी में बहती है।इस नदी का उल्लेख महाकाव्यों में सदानीरा के तौर पर किया गया है। यह नदी तिब्बत व नेपाल से निकलकर उत्तर प्रदेश के महराजगंज, कुशीनगर से होते हुए बिहार के सोनपुर के पास जाकर गंगा नदी में मिल जाती है।

Boating-1-1024x768

क्या है पौराणिक मान्यता

मनरेगा साइड पर अपलोड फर्जी फोटो ने ग्राम पंचायत महेवा कुंवर के भ्रष्टाचार की खोली पोल Read More मनरेगा साइड पर अपलोड फर्जी फोटो ने ग्राम पंचायत महेवा कुंवर के भ्रष्टाचार की खोली पोल

महाभारत काल में घटी कई पौराणिक घटनाएं गंडक नदी से संबंधित हैं। गज और ग्राह यानी हाथी और घड़ियाल का युद्ध त्रिवेणी के तट गजगड़ स्थान पर गंडक नदी में हुआ था।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री/प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर, अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक,दिया आवश्यक दिशा निर्देश Read More नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री/प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर, अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक,दिया आवश्यक दिशा निर्देश

Valmiki-Ashram-1024x768

अवैध कब्जा का मामला एसडीएम कोर्ट से पहुंचा हाई कोर्टसरकारीजमीनपरभूमाफिया का कब्जा एसडीएम की चुप्पी पर सवालतहसीलदार विनय प्रभाकर की मिली भगत से सामुदायिक विकास योजना की भूमि पर अबैध कब्जा Read More अवैध कब्जा का मामला एसडीएम कोर्ट से पहुंचा हाई कोर्टसरकारीजमीनपरभूमाफिया का कब्जा एसडीएम की चुप्पी पर सवालतहसीलदार विनय प्रभाकर की मिली भगत से सामुदायिक विकास योजना की भूमि पर अबैध कब्जा

इस युद्ध में गज की विनती सुनकर भगवान कृष्ण ने आकर उसकी जान बचाई थी। अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, जरासंध वध के बाद पांडवों ने इसी पवित्र नदी में स्नान किया था। मान्यता है कि इस नदी में स्नान और ठाकुर जी की पूजा के बाद संसार के आवागमन से मुक्ति मिल जाती है।

भगवान विष्णु को मिला कौन-सा श्राप

भगवान विष्णु के पत्थर बनने की रोचक कथा का संबंध भी इसी गंडक नदी से है। शंखचूड़ नाम के राक्षस की पत्नी वृंदा, पतिव्रता होने के साथ ही भगवान विष्णु की परम भक्त भी थी। भगवान विष्णु ने महादेव के साथ मिलकर, छल से वृंदा का पतिव्रता धर्म नष्ट कर दिया ताकि उसके दैत्य पति का अंत किया जा सके। इसके बाद वृंदा ने क्रोधित होकर भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वह पत्थर बन जाएंगे और कीटों द्वारा कुतरे जाएंगे। जिसके बाद अपने भक्त के श्राप का मान रखते हुए भगवान विष्णु पत्थर के रूप में गंडक नदी में आज भी पाए जाते हैं। भगवान विष्णु के जिस शालिग्राम रूप की पूजा की जाती है वह इसी नदी में मिलता है।

नेपाल के सरहदी पहाड़ में हैं वाल्मीकि आश्रम

 

Shiva-Temple-1-1024x768

यहीं हुआ था लव-कुश का जन्‍म, रामायण से जुड़ा है इस बाल्मीकि आश्रम का इतिहास

वाल्मीकि आश्रम नेपाल के चितवन जिले में चितवन राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित एक हिंदू बाल्मीकि जी की मंदिर है । यह त्रिवेणी धाम के करीब है जहां तमसा , सोना और सप्त गंडकी नादियां मिलती हैं। यहां पूजे जाने वाले दुनिया में राम , सीता और वाल्मीकि शामिल हैं। यहां रामनवमी का पर्व भी मनाया जाता है। हिंदू इतिहास के अनुसार, यह वह स्थान है जहां ऋषि वाल्मीकि थे और वे हिंदू महाकाव्य रामायण लिखा था। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की पत्नी सीता गर्भावस्था के दौरान यहां रहने के लिए आई थीं और लव और कुश का जन्म हुआ था।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel