...... डीडीओ साहब आखिर सचिव हरिशंकर वर्मा के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों 

...... डीडीओ साहब आखिर सचिव हरिशंकर वर्मा के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों 

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दो माह पूर्व सचिव जसवन्त के खिलाफ कार्यवाही के लिए भेजी गई जाँच रिपोर्ट पर अभी तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई


स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकरनगर। जिस प्रकार ग्राम विकास अधिकारी हरिशंकर वर्मा को सस्पेंड करके जिला विकास अधिकारी द्वारा वाहवाही लूट ली गई। ऐसा ही एक प्रकरण भीटी विकासखंड अंतर्गत ग्राम सभा दिलावलपुर का है जिसमें कई माह से उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है लेकिन कार्यवाही न करके सचिव से मोटी रकम वसूल कर मामले में लीपापोती की जा रही है। ऐसे भी मामले में जिला विकास अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह को तत्परता दिखाते हुए कई माह से लटके हुए मामले में कार्यवाही करना चाहिए ना कि अपने कर्मचारी का बचाव।


आखिर क्यों ग्राम पंचायत अधिकारी हरिशंकर वर्मा किए गए सस्पेंड
परमानंद के भतीजे देवनारायण मिश्रा की शिकायत पर जाँच के बाद ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित किया गया है। मामला कटेहरी विकासखंड के मौरापारा गांव का है। परमानंद मिश्रा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जिसके आधार पर मृतक दर्ज किया गया था उनकी मृत्यु के स्थान का कालम रिक्त था जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु की तिथि एवं मृत्यु का स्थान अनिवार्य रूप से लिखा जाना चाहिए था।फर्जी अभिलेखों के आधार पर बिना प्रशिक्षण के ही जीवित व्यक्ति को मृतक दर्ज कर अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए ग्राम विकास अधिकारी हरिशंकर वर्मा को जिला विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने निलंबित किया है। जांच में स्पष्ट हुई थी कि जिस व्यक्ति को परिवार रजिस्टर में मृतक दिखाया गया था उस व्यक्ति के मृत होने की कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी को जाँच आख्या के अनुसार जिला विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। विकास खंड भीटी का उससे भी गंभीर मामला होने के बाद भी करीब तीन माह से अधिकारियों के बीच जांच रिपोर्ट में दोषी करार देने के बाद कार्यवाही के लिए अधिकारियों के बीच जांच रिपोर्ट नही हो रही है। मामला भीटी विकासखंड में तैनात सचिव जसवंत को अब तक क्यों बख्शा जा रहा है उनके ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है यह भी अपने आप में एक बड़ा अहम सवाल है।

विकासखंड भीटी में तैनात सचिव जसवन्त के ऊपर गंभीर आरोप और जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित करने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई आखिर क्यों

आइए जानते हैं पूरा मामला
पीड़ित आकाश अग्रहरी पुत्र स्वर्गीय मुन्ना लाल निवासी ग्राम बेटी ने अपनी माता का नाम भीटी हैदरगंज मार्ग पर बने मकान के परिवार रजिस्टर मैं दर्ज कराने के लिए आवेदन किया था जिसके बाद पीड़ित आकाश अग्रहरी सचिव जसवंत से मिला तो उनके द्वारा पैसों की मांग की गई पीड़ित ने माता का नाम राष्ट्र में दर्ज करने के लिए ₹4000 दे दिया इसके बाद भी उसे नकल नहीं दी गई। पीड़ित ने जब रजिस्टर की नकल की मांग किया तो सचिव द्वारा बताया गया कि उनकी मां दिलावरपुर गांव के परिवार रजिस्टर में मृतक दर्ज हैं। नया प्लास्टर की नकल नहीं बन सकता है। तथा उसे बिना हस्ताक्षर किए ही वीटी ग्राम सभा की परिवार रजिस्टर नकल दे दिया गया जिसमें उसकी माता के मृतक होने की कोई तारीख नहीं लिखी हुई थी पीड़ित ने उस समय आरोप लगाया था कि उसकी मां पूर्व में जिंदा थी जब हमने और पैसा नहीं दिया तो सचिव के द्वारा बिना किसी अभिलेख के मृतक दिखा दिया गया।
*सचिव के खिलाफ जांच रिपोर्ट में पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए जाने के बाद भी कई माह बीत जाने पर भी नहीं हो रही कोई कार्यवाई*
ग्राम पंचायत सचिव जसवंत के खिलाफ कई माह पूर्व जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए खंड विकास अधिकारी के द्वारा भेजा जा चुका है।

लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पीड़ित के समाधान दिवस के संदर्भ संख्या 320091122001476 की निस्तारण आख्या बीते 28 अगस्त 2022 को सहायक विकास अधिकारी पंचायत बृजेश कुमार सिंह के द्वारा लगाई गई है। आख्या के अनुसार पीड़ित आकाश अग्रहरी पुत्र स्वर्गीय मुन्नालाल निवासी ग्राम भीटी द्वारा शिकायत की गई है कि पीड़ित की माता का नाम दिलावलपुर के परिवार रजिस्टर में मृतक दिखाया गया है तथा सचिव द्वारा बार बार पैसे की मांग की जा रही है पीड़ित तथा माता का नाम नए मकान में दर्ज करने तथा ग्राम पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की जा रही है। उक्त के संबंध में अवगत कराना है कि शिकायत सही है शिकायतकर्ता द्वारा आवेदन पत्र संख्या पंजीकृत डाक द्वारा भेजा गया है जो इस कार्यालय में दिनांक 18/10/2022 को प्राप्त हुआ है। जिसके क्रम में सचिव को आवेदन पत्र प्राप्त करा दिया गया है।

IMG-20221107-WA0046,,,1,,,... जिसकी आख्या 28/10/ 2022 को मांगी गई है। कार्यवाही के संदर्भ में सक्षम अधिकारी को पूर्व में ही पत्र जारी किया गया है। इस तरीके से अस्पष्ट जांच आख्या सहायक विकास अधिकारी के द्वारा लगाया जा रहा है इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही सचिव के खिलाफ नहीं की जा रही है। अभी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

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