सहारनपुर समेत हरियाणा व उत्तराखण्ड में भी मचा था हाहाकार
सहारनपुर।
कुट्टू के आटे से लोगों की बिगड़ी हालत के बाद पुलिस भले ही हरकत में आ गयी हो लेकिन इस सम्बन्ध में अभी तक कहीं से भी कोई गिरफ्तारी प्रकाश में नहीं आयी है। हालत बिगड़ने का यह सिलसिला सहारनपुर जिले तक ही सीमित नहीं है बल्कि हरियाणा प्रदेश के यमुनानगर तथा उत्तराखण्ड के हरिद्वार से भी ऐसे अनेक मामले प्रकाश में आये हैं जिनमें से कई लोगों की हालत बेहद गंभीर हो गयी थी।
नवरात्रों के दौरान उपवास रखने वाले अधिकतर माता के भक्त शाम के समय कुट्टू के आटे का इस्तेमाल कर पकोड़ी आदि बनाते हैं। प्रथम नवरात्र में जिन्होंने इसका इस्तेमाल किया उनमें से कुछ ही हालत तो तत्काल बिगड़ गयी बल्कि जबकि कई अन्य अगले दिन सुबह के समय इससे प्रभावित हुए।
इस दौरान चक्कर आने के बाद कई अचेत हो गये तो कई लोगों को उल्टियां लग गयी जिसके बाद इस तरह के लोगों का उपचार के लिए सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आना-जाना लगा रहा। जिस किसी को इस बारे में पता चला तो उसने कुट्टू के आटे को तिलांजलि दे दी। शनिवार देर शाम से अगले दिन सुबह तक लोगों की हालत बिगड़ती देखने को मिली।
दरअसल स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार पुनः लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गयी जो ये भलीभांति जानता था कि जिस तरह होली-दीपावली त्यौहारों पर सिंथेटिक मावे की खेप इधर-उधर पहुंचती है, उसी प्रकार नवरात्रों के दौरान कुट्टू के आटे तथा शामक के आटे में मिलावट की जाती है लेकिन ये सच्चाई जानने के बाद भी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जिसका खामियाजा मां दुर्गा के भक्तों को उठाना पड़ा।
वैसे अब पुलिस हरकत में आ गयी है और इसकी छानबीन चल रही है कि क्षेत्रीय दुकानदारों ने इन्हें कहां से खरीदा था और इतनी भारी मात्रा में इस मिलावटी कुट्टू के आटे को तैयार कहां किया गया? गौरतलब पहलू ये भी है कि कुट्टू के इस आटे की सप्लाई हरियाणा और उत्तराखण्ड में भी की गयी जहां से कई केस सामने आये। अब पुलिस ने अपनी तहकीकात शुरू कर दी है और उम्मीद जतायी जा रही है कि पुलिस इस मामले का खुलासा करते हुए इसके जिम्मेदार लोगों को जल्द ही सलाखों के पीछे धकेल देगी।