बख्शी का तालाब ग्राम विकास निधि को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान के बीच मतभेद

बख्शी का तालाब ग्राम विकास निधि को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान के बीच मतभेद

बख्शी का तालाब ग्राम विकास निधि को लेकर ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान के बीच मतभेद


 

ग्राम प्रधान ने सचिव पर लगाए है गंभीर आरोप सचिव कर रहे है घटिया सामग्री का उपयोग और मनमानी करावा रहे है मानकबिहीन निर्माण कार्य -ग्राम प्रधान सरोज यादव
ग्राम प्रधान जब भी मिलते है चुनाव में खर्च बीस लाख रुपये कैसे आएगा इसी की करते है चर्चा गांव के विकास में नहीं है कोई रूचि - ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी

बख्शी का तालाब 
लखनऊ 
प्रीति शुक्ला की रिपोर्ट


जहां एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गांव के विकास के लिए बड़े-बड़े दावे ठोक रहे हैं वहीं ग्राम पंचायत में होने वाले कामों को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं हमारी टीम अलग-अलग ग्राम पंचायतों में लगातार पड़ताल कर रही है जिसमें चौकाने वाले दावे सामने आए हैं l

लखनऊ बख्शी का तालाब जहां एक ओर रायपुर की ग्राम प्रधान सरोज यादव के द्वारा ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि वह उनके ग्राम विकास कार्यों में अड़चन डाल रहे हैं अपनी मनमानी करते हैं साथ ही उनको धमकी देते हैं पंचायत में पैसा होने के बावजूद भी उनको विकास कार्यों के लिए विकास निधि नहीं दे रहे हैं l 

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ग्राम प्रधान ने आगे बताया पंचायत भवन बनने में भ्रष्टाचार हुआ है पंचायत भवन की टीम की भलाई में एक ही सरिया का इस्तेमाल किया गया है जो कि आने वाले समय में कभी भी गिर सकता है इन सब बातों का सचिव पर कोई प्रभाव नहीं है अपनी मनमानी करके अपने हिसाब से घटिया  सामग्री की खरीद कराते हैं जिससे ग्राम प्रधान का नाम बदनाम और विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सके l 

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ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी ने भी ग्राम प्रधान सरोज यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरोज यादव को ग्राम विकास से अधिक रूचि उनके द्वारा चुनाव में खर्च किए गए 2000000 रुपए वापस कैसे आए हैं इसमें है साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि बीते 1 वर्ष में मनरेगा के तहत पंचायत को कोई भी विकास निधि नहीं प्राप्त हुई है जिस कारण विकास कार्य बाधित हो रहा है l

आलोक चौधरी ने यह भी बताया कि ग्राम विकास निधि का बजट काफी कम होता है जिसमें तीव्र गति से विकास संभव नहीं है और ग्राम प्रधान काफी महत्वाकांक्षी हैं वह 1 वर्ष में ही रायपुर गांव को लखनऊ शहर बना देना चाहती हैं जो कि असंभव हैं l  सबसे बड़ा सवाल है की अगर ग्राम प्रधान और सचिव में इस तरह के मतभेद सामने आ रहे है तो ग्राम सभा का विकास कैसे संभव हो पायेगा ये भी सोचने वाला विषय है l 

ग्राम पंचायत ग्राम प्रधान तथा सचिव पर हमारे संवाददाता के कड़ी नजर बनी हुई है हम लगातार ऐसे मामलों को उजागर करते रहेंगे और उम्मीद करेंगे कि आने वाले समय में शासन और सरकार द्वारा ऐसे मामलों पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए और व्यवस्था में परिवर्तन हो सके l

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