राजधानी में वेतन न मिलने पर सैकड़ो सफाई कर्मियों ने शुरू की हड़ताल
राजधानी में वेतन न मिलने पर सैकड़ो सफाई कर्मियों ने शुरू की हड़ताल
ईको ग्रीन कंपनी के शैलेंद्र पांडेय पर सफाईकर्मिओ को लाठी डंडे से मारने के प्रयास का गंभीर आरोप l
हड़ताल करने वाले सफाईकर्मियों को पंकज सिंह ने नौकरी से निकला
फर्जी मुक़दमे में फ़साने की नगर निगम के अधिकारी दे रहे है धमकी
अधिकारियो पर लगाए जा रहे है गंभीर आरोप, इसका सीधा असर शहर में साफ़ सफ़ाई पर प़डा है l
लखनऊ - राजधानी
अजय यादव
लखनऊ के विकास नगर टंकी के पास सफ़ाई कर्मचारियों के वेतन में लापरवाही एक सुर्खियों में आया है पूरा मामाला राजधानी लखनऊ के नगर निगम ज़ोन 7 का है जहा वेतन समय से न मिलने पर सभी कर्मचारियों ने हड़ताल पर बैठे है जिसका सीधा असर शहर के साफ़ सफ़ाई पर प़डा है ईको ग्रीन कंपनी अपने कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त नहीं करा पाई है। ईको ग्रीन के कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही। इसका सीधा असर शहर में साफ सफाई व्यवस्था पर देखने को मिल रहा है। जिस वजह से जगह-जगह कूड़े का अंबार दिखाई दे रहा है। ईको ग्रीन कंपनी के सफाई कर्मचारियों को पांच माह से वेतन अभी तक नहीं मिला है।

ऐसा आरोप सफाई कर्मियों द्वारा लगातार लगाया जा रहा है l सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है इस वजह से कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। नगर निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है। नगर निगम के जोनल अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मेरे सफ़ाई कर्मी नहीं है और जब ये सवाल किया गया कि ये कर्मचारियों के वेतन विगत कुछ महीनों से नहीं मिला है इस पर उन्होंने बताया कि वेतन सबको दिया जा चुका है और ये सफ़ाई कर्मचारी इको ग्रीन कंपनी के कर्मचारी है आप इको ग्रीन के अधिकारी से बात करे जब इको ग्रीन के अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो पाया

जानकारी के मुताबिक नगर निगम के अपर नगर आयुक्त मौके पर पहुंच कर सबको आश्वासन दिया कि वेतन दोपहर के दो बजे तक आ जायेगी लेकिन सफ़ाई कर्मचारियों का कहना है सिर्फ आश्वासन मिलता है कर्मचारियों ने दो टूक कहा कि जब तक उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा, तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे। उधर शहर में भी नगर निगम के कर्मचारी पूरी तरह से कूड़ा उठाने में असफल हो रह है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक तरह सफ़ाई को लेकर अभियान चलाया जा रहा है वही दूसरी तरह नगर निगम के अधिकारियों के लापरवाही के वजह से सफ़ाई कर्मियों को समय से वेतन न मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है l

जोन सात के अधिकारी प्रज्ञा सिंह से बात हुई तो उन्होंने बताया कि पप्पू जो बेतन की मांग कर रहा था उसके ऊपर थाना विकास नगर में ईको ग्रीन कंपनी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है हालाँकि थानाध्यक्ष विकास नगर से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि यहाँ पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है l ये पप्पू वही कर्मचारी है जिसने कंपनी के सत्येन्द्र पांडेय पर आरोप लगाया था उन्होंने हड़ताल करते समय बैनर फाड़कर लाठी डंडे से मारने का प्रयास किया था जानकारी के अनुसार पप्पू को नौकरी से निकाल दिया गया है और कर्मचारियों को क्या साले दी गयी है और क्या नहीं इसकी कोई भी सही जानकारी अभी तक नहीं मिल पायी है l

देखने वाली बात यह होगी कि नगर निगम जोन सात की सफाई और कूड़ा न उठने कि स्थिति में क्या ईको ग्रीन कंपनी पर कोई कार्यवाही करेगा या फिर बस नगर निगम के अधिकारी अपना पल्ला झाड़कर मामले को सिर्फ रफा दफा करने का प्रयास करेंगे और साथ ही जो सफाई कर्मी सैलरी की बात करेंगे उन्हें झूठे मुक़दमे और डरा धमका कर या फिर नौकरी से निकलने की बात करके मामले को रफा दफा करते रहेंगे ये तो आने वाला समय ही बता पायेगा

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