गोमती नदी के रौद्र रूप ने किसानों की हजारों बीघे फसल को किया जलमग्न

गोमती नदी के रौद्र रूप ने किसानों की हजारों बीघे फसल को किया जलमग्न

किसान नेता का कहना अगर इसी तरह गोमती नदी का जलस्तर बढ़ा तो गांव में आ सकता है पानी 


स्वतंत्र प्रभात 
 

बनीकोडर बाराबंकी। मूसलाधार बारिश से जीव जंतु जानवर समेत  किसानों की फसलों को भारी नुक़सान उठाना पड़ रहा है।. रामसनेही घाट तहसील के अंतर्गत ग्रामसभा सिल्हौर और ग्रामसभा हाजीपुर में गोमती नदी ने अपना रौद्र  रूप दिखाते हुए सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा फसल  को जलमग्न कर दिया है। गोमती नदी का रौद्र रूप देखकर आस - पास के गांवों में दहसत का माहौल है।

अपनी जलमग्न हुई खेती  को देखकर किसानों के आखो में आंसू  पड़ रहे है किसानों का कहना है कि हम लोगों की हजारों बीघे फसल नदी में समाहित हो गयी है।लेकिन अभी तक शासन -प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा यहां   हमारी सुधि लेने नहीं  पहुंचा है जिसे हम अपना दुःख दर्द बता सकें तथा बर्बाद हुई फसलों की जानकारी दे सके।पीड़ित किसानों का कहना है। कि हम मीडिया के माध्यम से  स्थानीय भाजपा विधायक  से अनुरोध करते है कि वे हमारे दर्द को समझें और हमारी मदद के लिए आगे आएं।जिस प्रकार से गोमती नदी ने अपना विकराल रूप दिखाया है उससे गांवों के  लोगों में भय व्याप्त है।

दो दिन मे इतनी तेजी से बढ़ रही गोमती नदी की करीब हजारों बीघा फसल का नुकसान होने के साथ लोगो में भय बना हुआ है की कहीं गोमती नदी गांव में ना प्रवेश कर जाए वही भाकियू ब्लॉक महामंत्री संजय कुमार पाण्डेय ने किसानों की बर्बाद हुई फसलों को देखकर शासन -प्रशासन से उचित मुआबजे की मांग की है।  आसपास के किसानों की चिंता अभी भी बनी हुई है कि रात में हमारे खेतों में पानी प्रवेश न कर जाएं। और नदी के किनारे बसा गांव पूरे खाले का पुरवा, दयाराम पुरवा व अन्य गांव के किनारे पानी आने से गांव में भय का महोल बना हुआ है।

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