अयोध्या की पावन धरा पर सौम्य व भव्य श्रीराम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को धर्म ध्वजा फहराए जाने पर इंडि गठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया भारतीयता विरोधी — हिन्दु विचार मंच

अयोध्या की पावन धरा पर सौम्य व भव्य श्रीराम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को धर्म ध्वजा फहराए जाने पर इंडि गठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया भारतीयता विरोधी — हिन्दु विचार मंच

पाकुड़िया, पाकुड़,
झारखंड
 
हिन्दु विचार मंच ने कहा है कि विश्व का कोई भी चेतनशील राष्ट्र अपनी मान्य सांस्कृतिक मूल्यों, सौम्यता पूर्ण व गौरवशाली अतीत को विस्मृत कर अपने गौरवमय भविष्य का निर्माण करने में समर्थ नहीं हो सकता। ज्ञात हो कि लोकसभा के एक सत्र में कांग्रेस सांसद प्रियंका ने चर्चा के क्रम में कहा था कि वह अतीत की नहीं वर्तमान की बात कर रही हैं।
 
हिन्दु विचार मंच ने स्पष्ट कहा कि वर्ष 2014 से भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित सांस्कृतिक पुनर्जागरण तथा सनातनियों में राष्ट्र के प्रति बढ़ती राष्ट्रीय भावना ने जातीय राजनीति करने वाले इंडि गठबंधन के नेताओं में भय पैदा कर दिया है। इन्हीं कारणों से पिछले ग्यारह वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार की आड़ में राष्ट्रीयता आधारित भावनाओं और संविधान के अनुरूप सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर पिछले 495 वर्षों से उपेक्षित श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर का सौम्यता पूर्ण निर्माण तथा 25 नवंबर को मंदिर के ऊंचे शिखर पर ध्वजारोहण से यह गठबंधन असहज रहा है।
 
वे यह कहते रहे हैं कि भाजपा बेरोजगारी, शिक्षा, युवाओं की नौकरियों और महिलाओं के विकास की बात नहीं कर अतीत के मुद्दों पर देश को बहका रही है। परंतु क्या 7वीं से 20वीं सदी तक तेरह सौ वर्षों में भारतीयों विशेष रूप से सनातनियों पर हुए अमानवीय अत्याचार, धर्मांतरण जैसे पीड़ादायक प्रसंगों को नई पीढ़ी को बताना विद्वेष फैलाना कहा जाएगा? क्या अपने प्रमाणिक एवं वैज्ञानिक सांस्कृतिक मूल्यों पर गर्व करना संविधान विरोधी है?
 
स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस सरकारों ने मुस्लिम आक्रांताओं, मुगल शासकों और अंग्रेजी शासन के शोषण तथा सनातन संस्कृति पर पड़े संकटों को इतिहास में दर्ज नहीं कर भारत के साथ अन्याय किया। क्या 60 वर्षों के शासन में भारत से गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा मिटाते हुए राष्ट्रवाद को सर्वोपरि रखते हुए भारत को विकसित राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता था?
 
इसके विपरीत, पिछले ग्यारह वर्षों में सबका साथ सबका विकास की नीति से मुस्लिम समुदाय भी सभी योजनाओं का लाभ ले रहा है। विकास के मुद्दों पर उनका कोई विरोध नहीं है। जबकि कांग्रेस और सपा के नेता राजनीतिक आधार खिसकने के डर से राष्ट्रवादी मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं। राहुल गांधी इन दिनों संविधान की प्रति लेकर संविधान बचाने की बात कर रहे हैं।
 
हिन्दु विचार मंच ने सवाल उठाया कि क्या यह देश में अराजकता फैलाकर विकास की धारा को रोकने का प्रयास है? क्या इंडि गठबंधन बिना प्रमाणिक तथ्यों के संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाकर लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर रहा? 25 नवंबर को श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराए जाने की आलोचना पर पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंच पर शिकायत करने को लेकर मंच ने कहा कि उसे ऐसा कोई अधिकार नहीं है,
 
जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिन्दुओं पर निरंतर अमानवीय उत्पीड़न होता रहा है। इस पर कांग्रेस नेताओं की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। इसी तरह बंगाल के बेलडांगा में एमसी नेता हुमायूं करीब द्वारा बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा पर कांग्रेस नेता का यह कहना कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता है,
 
उचित है, पर मस्जिद किसी भारतीय मुसलमान के नाम पर बने, न कि उन विदेशी आक्रांताओं के नाम पर जिनके शासन में सनातनियों पर भीषण उत्पीड़न हुआ। मंच ने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी कृत्यों तथा विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन स्वीकार्य नहीं हो सकता।

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