आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग पीजी कॉलेज, सीतापुर में आईएएनआरसी के अंतर्गत राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न

आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग पीजी कॉलेज, सीतापुर में आईएएनआरसी के अंतर्गत राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न

सीतापुर। आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग पीजी कॉलेज, सीतापुर में आईएएनआरसी (IATE-NRC) के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफल एवं गरिमामय समापन हुआ। “ट्रांसफॉर्मिंग टीचर एजुकेशन फॉर विकसित भारत” विषय पर केंद्रित इस संगोष्ठी में देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय महत्व के शैक्षणिक संस्थानों से आए शिक्षाविदों, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। उद्घाटन सत्र : ‘शिक्षक- एक सामाजिक अभियंता’
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एन. एन. पांडे, पूर्व विभागाध्यक्ष एवं शंकर अध्यक्ष, एम.जे.पी. रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली ने कहा कि “शिक्षक एक सामाजिक अभियंता होता है। समाज की स्थिति काफी हद तक शिक्षकों की स्थिति पर निर्भर करती है।
 
वर्तमान समय मूल्य-संकट का समय है, ऐसे में शिक्षक की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।” विशिष्ट अतिथि तथा IATE की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर अनीता रस्तोगी, विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने बताया कि “IATE की स्थापना 1950 में हुई थी और शिक्षक शिक्षा नीतियों के क्रियान्वयन में इसका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है।” उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सीतापुर में आयोजित यह सेमिनार, IATE की क्षेत्रीय समिति के अंतर्गत होने वाला पहला सेमिनार है, जो अपने आप में उल्लेखनीय उपलब्धि है। विचार-विमर्श एवं तकनीकी सत्र सेमिनार के दौरान विभिन्न पैनल चर्चाओं एवं तकनीकी सत्रों में विद्वानों ने शिक्षक शिक्षा, नई शिक्षा नीति, नवाचार, डिजिटल लर्निंग, मूल्य-आधारित शिक्षा तथा विकसित भारत के निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर अपने शोध एवं विचार प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों ने सक्रिय संवाद द्वारा सत्रों को अत्यंत समृद्ध बनाया।
 
समापन सत्र : ‘समाधान का हिस्सा बने शिक्षक’ समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रदीप मिश्रा, निदेशक, NIEPA (राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबंधन एवं नियोजन संस्थान), नई दिल्ली ने कहा कि “समाज में शिक्षक की भूमिका सर्वोपरि है। परिवर्तन की शुरुआत स्वयं से होती है। यदि शिक्षक प्रतिक्षेप में ही उलझा रहेगा तो समाज को दिशा नहीं मिल सकती। शिक्षक को समस्या नहीं, समाधान का हिस्सा बनना होगा।” आईएएनआरसी के महासचिव प्रोफेसर कौशल किशोर, विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने सीतापुर में आयोजित उत्कृष्ट एवं अनुकरणीय आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “सीमित संसाधनों के बावजूद AND कॉलेज ने जो स्तर प्रस्तुत किया है, वह बेहद प्रेरणादायक है।”
 
उन्होंने बताया कि सेमिनार में पारित संस्तुतियाँ भारत सरकार को भेजी जाएँगी, जिनका भावी शिक्षक-शिक्षा नीतियों पर सार्थक प्रभाव पड़ेगा। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का संयोजन व संचालन प्रोफेसर सुनील कुमार, सचिव, IATE–NRC द्वारा किया गया, जबकि प्रोफेसर प्रणिता सिंह आयोजन सचिव रहीं। समापन सत्र में प्रबंध समिति के माननीय सदस्य श्री राम शंकर अवस्थी (प्रबंधक) तथा श्री गया प्रसाद मिश्र (अध्यक्ष) की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, क्षेत्रीय नागरिक, पत्रकार एवं विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने सहभागिता दर्ज की। दो दिवसीय विद्वत्–विमर्श राष्ट्रगान के साथ गरिमापूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।
 

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