G20 में भारत की दमदार दस्तक: ड्रग्स–आतंकवाद गठजोड़ पर पीएम मोदी का प्रहार, स्वास्थ्य और अफ्रीका विकास पर बड़े प्रस्ताव
नई दिल्ली | 22 नवंबर 2025 दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास मॉडल में व्यापक सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कई महत्वपूर्ण पहलें प्रस्तावित कीं। “समावेशी और सतत आर्थिक विकास—जिसमें कोई पीछे न छूटे” विषय पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक वित्तीय और विकास ढांचे ने बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित किया है और प्रकृति के अति-दोहन को बढ़ावा दिया है।
अफ्रीका की मेजबानी पर मोदी का संदेश
उन्होंने कहा कि भारत के सभ्यतागत मूल्य—विशेषतः एकात्म मानववाद—समावेशी और दीर्घकालिक विकास का आधार बन सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की झलक सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा,
“अफ्रीका द्वारा पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के साथ, अब हमारे लिए समावेशी और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने का सही समय है।”
ग्लोबल ट्रडिशनल नॉलेज वॉल्ट का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री मोदी ने G20 वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार (Global Traditional Knowledge Vault) बनाने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि भारत का पारंपरिक ज्ञान स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है और सामूहिक ज्ञान को संरक्षित करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
अफ्रीका के लिए कौशल मिशन: 10 लाख प्रशिक्षकों का लक्ष्य
अफ्रीका की प्रगति को वैश्विक प्रगति की कुंजी बताते हुए पीएम मोदी ने
G20–अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव का प्रस्ताव किया।
इसका लक्ष्य अगले 10 वर्षों में अफ्रीका के लिए 10 लाख प्रमाणित प्रशिक्षक तैयार करना है।
मोदी ने कहा कि भारत हमेशा अफ्रीका के साथ मजबूती से खड़ा रहा है और यह गर्व की बात है कि भारतीय अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाया गया।
ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम का गठन
स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को प्राथमिकता देते हुए प्रधानमंत्री ने
G20 Global Healthcare Response Team की स्थापना का सुझाव दिया।
यह टीम प्राकृतिक आपदाओं और स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तुरंत तैनाती के लिए प्रशिक्षित मेडिकल विशेषज्ञों का समूह होगी, जिसमें G20 देशों की सक्रिय भागीदारी शामिल की जाएगी।
ड्रग्स–आतंकवाद गठजोड़ पर कड़ा हमला
फेंटेनाइल जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों के फैलाव पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने
मादक पदार्थ–आतंकवाद गठजोड़ को कमजोर करने के लिए एक विशेष G20 पहल का प्रस्ताव रखा।
मोदी ने कहा: “आइए, हम इस बदहाल मादक पदार्थ–आतंकवादी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करें।”
भारत की भूमिका और विज़न
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत, अपने सभ्यतागत मूल्यों और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को केंद्र में रखते हुए, एक ऐसे विश्व का निर्माण चाहता है जहां आर्थिक विकास के लाभ समान रूप से साझा हों और कोई भी देश या समुदाय पीछे न छूटे।

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