भाजपा साकार कर रही है पटेल जी के संकल्प-संजय प्रताप जायसवाल

भाजपा साकार कर रही है पटेल जी के संकल्प-संजय प्रताप जायसवाल

बस्ती। एक भारत, आत्मनिर्भर भारत संकल्पों की कड़ी में भारत की एकता और अखंडता के सूत्रधार, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 309 रूधौली विधानसभा क्षेत्र में यूनिटी मार्च का आयोजन किया गया। भाजपा नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता मोहम्मद नगर,संतकबीरनगर शंकर दास इण्टर कॉलेज में एकत्र हुये और यहां से राष्ट्रध्वज के साथ पद यात्रा करते हुये जनसभा स्थल रामनगर विकास खण्ड क्षेत्र के सभागार में पहुंचे। मुख्य अतिथि विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि राष्ट्र ध्वज हमारे सम्मान और गौरव का प्रतीक है ।
 
आजादी के बाद भारतीय रियासतों के एकीकरण का श्रेय सरदार पटेल की दूरदर्शिता को जाता है। सरदार पटेल देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने के उपयुक्त थे, लेकिन कांग्रेस की नीतियों ने हमेशा उनके योगदान को कम किया। उनका योगदान युगों तक याद किया जायेगा। कार्यक्रम संयोजक पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने यूनिटी मार्च और सभा में आये अतिथियों, पदाधिकारियों, नागरिकों का स्वागत करते हुये कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने जिस भारत का स्वप्न देखा था उसे भाजपा साकार कर रही है।
 
जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, जिलाअध्यक्ष विवेकानन्द मिश्रा, गौ सेवा के उपाध्यक्ष महेश शुक्ला ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह, दुष्यंत विक्रम सिंह, अभिषेक कुमार ,राकेश श्रीवास्तव , अनूप चौधरी, अभिषेक कुमार, , प्रत्यूष विक्रम सिंह महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष रोली सिंह, पूर्व विधायक रवि सोनकर भाजपा नेता भोलू सिंह अशोक मिश्रा अनंत सिंह आशा सिंह आदि ने सभा को सम्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है, ने देश के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 565 रियासतों को भारत में विलय करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बारदोली सत्याग्रह में उनके नेतृत्व ने उन्हें श्सरदारश् की उपाधि दिलाई।
 
पटेल ने 1951 की पहली जनगणना की आधारशिला रखी और संविधान निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1947 में जब भारत आजाद हुआ, सरदार पटेल उप प्रधानमंत्री बने। वे गृह मंत्रालय, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और राज्य मंत्रालय के प्रभारी थे। उस समय भारत एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा था, क्योंकि देश का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा 565 रियासतों के अधीन था। उन्हें रियासतों को संघ में एकीकृत करने का कार्य सौंपा गया था। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। नई पीढी को ऐसे महापुरूष से प्रेरणा लेनी चाहिये। भाजपा उनके पद चिन्हों पर आगे चलकर राष्ट्र निर्माण को साकार कर रही है।

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