बिहार चुनाव में BJP शासित राज्यों से 208 पुलिस कंपनियाँ आईं, विपक्षी राज्यों से क्यों नहीं: तेजस्वी
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो प्रयागराज।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने पुलिस बल की तैनाती, मतदान प्रतिशत के डेटा में देरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों पर कटाक्ष किया। तेजस्वी ने दावा किया कि चुनावों में पक्षपातपूर्ण व्यवहार हो रहा है और बीजेपी के भ्रष्टाचार को नजरअंदाज किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने कहा, 'बीजेपी शासित राज्यों से बिहार में 208 पुलिस कंपनियां आई हैं। उत्तर प्रदेश से 40 कंपनियाँ, गुजरात से 27, मध्य प्रदेश से 23, असम से 15, महाराष्ट्र से 25, छत्तीसगढ़ से 15, राजस्थान से 10, मिजोरम और हरियाणा से 8-8, नगालैंड से 15, मेघालय से 7, गोवा से 6, त्रिपुरा से 5 और उत्तराखंड से 4 कंपनियाँ बुलाई गई हैं। इससे बिहार चुनावों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।'
तेजस्वी से सवाल पूछा, 'क्यों बंगाल, कर्नाटक या तमिलनाडु से पुलिस नहीं बुलाई गई? झारखंड तो पास में ही है, वहां से क्यों नहीं?" उन्होंने आरोप लगाया कि यह क़दम चुनावों में दखलअंदाजी और पक्षपात को दिखाता है। तेजस्वी ने पूछा कि क्या यह सुनियोजित तरीक़े से विपक्षी दलों को दबाने की कोशिश है।
तेजस्वी ने कहा,उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से पुलिस कंपनियाँ आ रही हैं तो झारखंड और पश्चिम बंगाल से क्यों नहीं? मेघालय, त्रिपुरा से आ रही हैं, नगालैंड से आ रही हैं, लेकिन .... तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल से क्यों नहीं आ रही हैं?
तेजस्वी ने कहा, '243 विधानसभा में 68 फीसदी पुलिस ऑब्जर्वर बीजेपी शासित राज्यों से है। पहले ये जितने भी लोग होते थे वे सीएपीएफ यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल से होते थे। अमित शाह जी आए इसीलिए हैं। डेरा क्यों जमाए हुए हैं। देश में कुछ काम और थोड़े न है! जहाँ चुनाव है वहाँ बेईमानी वाला काम है। धन, बल, छल, कपट सब लगा दें। ...अमित शाह बिहार को उपनिवेश बनाना चाहते हैं, बाहरी लोग कब्जा करना चाहते हैं। लेकिन बिहारी होने नहीं देगा।'

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