रेणुकूट में मानवता की मिसाल डब्लू सिंह ने बचाई घायल नंदी बाबा की जान
रेणुकूट में मानवता की नई मिसाल बबलू सिंह ने बचाई घायल नंदी बाबा की जान, बने भगवान का रूप
रेनूकूट में मानवता का मिशाल
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
जब सड़कों पर एक बेजुबान जानवर दर्द से कराह रहा था और राहगीर अनदेखा कर आगे बढ़ रहे थे, तब रेणुकूट के डब्लू सिंह एक सच्चे फरिश्ते की तरह सामने आए। उन्होंने अपनी टीम, टीम निशा बबलू सिंह, के साथ मिलकर एक गंभीर रूप से घायल नंदी बाबा (बैल) की जान बचाकर मानवता और करुणा की एक नई मिसाल पेश की है।

यह हृदय विदारक घटना रेणुकूट क्षेत्र की है, जहाँ एक नंदी बाबा के पैरों में भयंकर चोटें आई थीं। वह सड़क किनारे दर्द से तड़प रहा था और उसके घावों से खून बह रहा था। इस मार्मिक दृश्य को देखकर भी अधिकांश लोग उदासीनता से आगे बढ़ रहे थे। तभी कुछ जागरूक लोगों की नज़र उस पर पड़ी, और उन्होंने बिना किसी देर के तुरंत टीम निशा बबलू सिंह को फोन कर सूचित किया।

सूचना मिलते ही डब्लू सिंह तत्काल मौके पर पहुँचे। उन्होंने देखा कि नंदी बाबा के पैर में इतनी गहरी चोटें थीं कि खून सड़क पर बिखरा पड़ा था। यह दृश्य किसी का भी दिल दहलाने के लिए काफी था। डब्लू सिंह ने ज़रा भी वक्त न गंवाते हुए, तुरंत एक पशु चिकित्सक को बुलाया। डॉक्टर ने मौके पर ही नंदी बाबा के पैरों पर पट्टी की, मलहम लगाया और इंजेक्शन देकर उसका प्राथमिक उपचार किया। कहते हैं कि जो लोग जानवरों की सेवा करते हैं, भगवान भी उन पर आशीर्वाद बरसाते हैं और उन्हें समाज की सेवा करने की शक्ति देते हैं, और डब्लू सिंह ने इस बात को सच कर दिखाया।
यह सिर्फ एक घायल जानवर को बचाने का मामला नहीं था, बल्कि यह इंसानियत की एक बेमिसाल कहानी थी। डब्लू सिंह को रेणुकूट में ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जो इंसान और जानवर दोनों को समान सम्मान देते हैं। उनके लिए हर जीव का जीवन अनमोल है, और यही वजह है कि स्थानीय लोग उन्हें भगवान के रूप में देखते हैं।
रेणुकूट में यूँ तो कई समाजसेवी समूह और व्यक्ति हैं, लेकिन जब बात तत्काल और निस्वार्थ मदद की आती है, तो टीम निशा बबलू सिंह हमेशा सबसे आगे रहती है। जहाँ कई लोग असहाय को दर्द में तड़पते हुए देख सकते हैं, वहीं यह टीम ऐसी घटनाओं को देखकर तुरंत मदद के लिए खड़ी हो जाती है और अपनी पूरी जान लगाकर सहायता करती है।
बबलू सिंह और उनकी टीम के सदस्यों में न दर्द का डर होता है और न ही किसी प्रकार का भय। उनका एक ही सिद्धांत है।हम इंसान हैं और इंसान का कर्तव्य होता है इंसानियत होनी चाहिए। उनके इस निःस्वार्थ सेवा भाव के कारण, आसपास के क्षेत्र के लोग टीम निशा बबलू सिंह को अपने परिवार का ही सदस्य मानते हैं। वे अक्सर कहते हैं कि रेणुकूट में ऐसे निःस्वार्थ और परोपकारी लोग मिलना बड़े सौभाग्य की बात है।
यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि समाज में ऐसे लोग भी हैं जो बिना किसी अपेक्षा के दूसरों की मदद करते हैं और धरती पर मानवता को जीवित रखते हैं। डब्लू सिंह और उनकी टीम का यह सराहनीय कार्य निश्चित रूप से दूसरों को भी प्रेरणा देगा और उन्हें निस्वार्थ सेवा के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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