चोपन चेयरमैन इम्तियाज अहमद हत्याकांड मामले में नया मोड़, मृतक के भाई उस्मान अली के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
सत्र न्यायालय ने उस्मान अली को झूठा साक्ष्य प्रस्तुत करने के आरोप में दोषी
चोपन चेयरमैन इम्तियाज अहमद हत्याकांड का मामला
अजीत सिंह (ब्यूरो रिपोर्ट)
चोपन/सोनभद्र-
6 जून 2025 चोपन के पूर्व नागालैंड इम्तियाज अहमद हत्याकांड में एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। इस मामले में वैवादी मुकदमा और मृतक इम्तियाज अहमद के भाई उस्मान अली के खिलाफ अदालत ने आपराधिक वारंट जारी करने का आदेश दिया है। यह आदेश पुरातत्वविदों द्वारा प्रस्तुत तर्कों को सुनने के बाद दिया गया है।
चोपन सामाथ इम्तियाज अहमद की हत्या 25 अक्टूबर 2018 को चोपन ग्रेनवॉल पार्क में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में एक हमलावर को कार्बाइन के साथ अचानक गिरफ़्तार कर लिया गया था, और बाद में आधे से अधिक गिरफ़्तारियों को गिरफ़्तार कर लिया गया था। इस प्रकरण में स्थानीय पुरातत्वविद राकेश स्टूडियो, रवि जालान और सर्वेन्द्र मिश्रा को भी असेंबल बनाया गया था। केस की जांच विशेष अनुसंधान शाखा सीबीसी डाटाबेस ने की। जांच के दौरान राकेश अग्रवाल, रवि जालान और सर्वेंद्र मिश्रा की जांच में गलती हुई।
सीबीसी डॉक्यूमेंट ने अपने खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट और अन्य चारों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। इस दौरान राकेश अखलाक के खिलाफ साजिश रचते हुए अशासकीयवादी उस्मान अली ने कूटरचिट डॉक्यूमेंट्री कोर्ट में पेश कर कार्रवाई की मांग की और इसमें सफल भी हो गए। कोर्ट ने राकेश मठाधीश के खिलाफ पुनः जांच का आदेश दे दिया। इसी बीच, नामांकित विकास शाक्य को मामले में नियुक्त किया गया।
पत्रावली का गहन अध्ययन करने के बाद, उन्होंने वादी उस्मान अली की रचना को पकड़ लिया। राकेश मास्टर की ओर से सचिवालय विकास शाक्य ने सत्र न्यायालय में जांच के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत याचिका दायर की। कोर्ट में जांच के दौरान उस्मान अली को बोली लगाने का दोषी पाया गया। इस पर धारा 193 एवं 199 भादवि में प्रस्तुत किया गया है। उक्त कल्पित रचना न्यायालय के बाहर की गई थी, इसलिए अन्य कार्रवाई इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं होने की बात कही गई। तब राकेश कैसल की ओर से डेवलेपमेंट शाक ने मुख्य प्रयोगशाला मजिस्ट्रेट के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत उस्मान अली पर जालसाजी करने और कूट रचना के लिए दस्तावेजों को प्रस्तुत करने से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए।
इस पर अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर उस्मान अली के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भादवि का मुकदमा दर्ज करते हुए इंक्वायरी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई। सिविल जज जूनियर डिवीजन ने समन ऑर्डरिका जारी करने के लिए अमेरिकी उस्मान अली को शामिल करने का मामला उठाया। इस पर कोर्ट को पुनः अनावृत करते हुए, उस्मान अली ने प्रथम सूचना रिपोर्ट में फ़्रांसिसी उच्च न्यायालय, इलाहाबाद से मिले अपराधियों की राहत का सहारा लेने की कार्यवाही को जारी रखा। उधर, सचिवालय विकास शाक्य ने आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश जारी करने का प्रार्थना पत्र दिया।
आज, सिविल जज जूनियर डिवीजन यादवेंद्र सिंह की अदालत ने पूरी तरह से अभियुक्त उस्मान अली को गिरफ्तार करने का अधिपत्र (वारंट) जारी करने का आदेश दिया है। यह भी जानकारी मिली है कि डेवलेपमेंट शाक्य के खिलाफ मुकदमा नहीं, लड़ाई का दबाव बनाने के लिए बार काउंसिल में याचिका दायर की गई थी, जिसमें विकास शाक्य के पक्ष में फैसला हुआ था।
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