परिवार नियोजन में फर्जीवाड़ा! आशा कार्यकर्ता पर लगा महिला को दो बार ऑपरेशन कराने का आरोप"
"परिवार नियोजन में फर्जीवाड़ा
सुपौल, बिहार |
शिकायत में आरोप है कि जदिया के वार्ड नं-06 की आशा कार्यकर्ता चांदनी कुमारी ने गलत दस्तावेजों के जरिए एक ही महिला का दो बार नसबंदी ऑपरेशन कराया, जिससे न केवल सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी हुई बल्कि सरकारी प्रोत्साहन राशि की भी दोहरी निकासी का प्रयास हुआ।
यह मामला 5 मार्च 2025 को दर्ज हुआ था, जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच लोक प्राधिकर-सह-प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी त्रिवेणीगंज द्वारा की गई। प्रारंभिक जांच और बाद के विस्तृत रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि आवेदनकर्ता के आरोप सही हैं, हालांकि यह भी पाया गया कि दस्तावेजों की त्रुटियों के कारण ही महिला का दो बार ऑपरेशन दर्ज हुआ।
विवेचना रिपोर्ट के अनुसार, सिविल सर्जन कार्यालय, त्रिवेणीगंज ने पाया कि संबंधित आशा कार्यकर्ता द्वारा फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया कि दोषी पर उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
प्रकरण का निपटारा करते हुए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आर्या राज ने सिफारिश की है कि पार्वती कुमारी को अपने पक्ष रखने के लिए सक्षम प्राधिकारी (सिविल सर्जन-सह-सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति, सुपौल) के समक्ष प्रस्तुत होने का अवसर दिया जाए।
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यह घटना न केवल स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि आखिर किस हद तक सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है?
👉 क्या ऐसे मामलों में सिर्फ नोटिस और स्पष्टीकरण ही काफी है? या सख्त कार्रवाई की जरूरत है?

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