ओबरा खदान हादसा अज्ञात शव मिलने से क्षेत्र में दहशत, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
क्षेत्र में लगातार हो रहे खनन हादसों को लेकर लोगों ने किया बड़ा सवाल, आखिर कब तक रुकेगी जनहानि
खनन क्षेत्रों में हादसों का सिलसिला जारी, संबंधित विभाग मौन
अजीत सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
स्थानीय थाना क्षेत्र के शारदा मंदिर के समीप बिल्ली स्टेशन के पीछे देशी शराब भट्टी क्षेत्र में स्थित एक बंद पड़ी 100 फीट गहरी खदान में मिले शव की पहचान बिंदु सोनी (पिता कालू सोनी) के रूप में हुई है। वह ओबरा के काशीराम आवास ब्लॉक 1/9 में रहते थे और कई सालों से एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। मूल रूप से शाहगंज, सोनभद्र के निवासी बिंदु सोनी की इस दुखद मृत्यु से क्षेत्र में शोक और गहरा आक्रोश व्याप्त है। उनके परिवार में चार बेटे और दो बेटियां हैं।
आसपास के लोगों द्वारा सूचना दिए जाने पर ओबरा पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद शव को खदान से बाहर निकाला। बिंदु सोनी के शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए हैं, जिससे उनकी मौत हो गई। मौके पर उपस्थित लोगों के अनुसार, उनका शव कई घंटों से खदान के पानी में तैर रहा था। उन्होंने काले रंग का पेंट और नीली कमीज पहनी हुई थी। पुलिस ने तलाशी के दौरान उनकी जेब से एक मोबाइल फोन और तंबाकू बरामद किया है। उनकी अनुमानित आयु 45 वर्ष थी।
यह मर्मांतक घटना ऐसे समय में हुई है, जब महज दो दिन पहले इसी इलाके में 18 वर्षीय युवती, पूनम गौड़, भी एक गहरी खदान में गिरने से अपनी जान गंवा बैठी थी। इन लगातार हो रहे जानलेवा हादसों ने स्थानीय निवासियों के हृदय में गहरा भय और असुरक्षा का भाव भर दिया है। स्थानीय निवासियों ने एक बार फिर खदानों की सुरक्षा व्यवस्था पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
उनका स्पष्ट आरोप है कि खनन कंपनियों को खदानें आवंटित करने के बाद उन्हें नियमों के अनुसार भरा जाना चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया केवल कागजी औपचारिकता बनकर रह गई है। बंद पड़ी खदानों के किनारों पर न तो कोई सुरक्षा दीवार बनाई जाती है और न ही कोई प्रभावी घेराव किया जाता है, जिसके कारण इस प्रकार के दुखद और आसानी से रोके जा सकने वाले हादसे लगातार घटित हो रहे हैं।
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोनभद्र जिला, जो सरकार को भारी मात्रा में राजस्व प्रदान करता है, वहां बंद पड़ी खदानों की सुरक्षा के प्रति इतनी गंभीर उदासीनता बरती जा रही है। अब यह एक अत्यंत ज्वलंत प्रश्न है कि इन लगातार हो रहे हादसों का असली जिम्मेदार कौन है और प्रशासन कब इन असुरक्षित खदानों के खिलाफ कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में और परिवारों को इस असहनीय पीड़ा से बचाया जा सके।
ओबरा थाने के प्रभारी राजेश कुमार सिंह, उप निरीक्षक राम सिंह यादव और सतीश कुमार सिंह घटनास्थल पर मौजूद रहे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है। बिंदु सोनी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और पुलिस उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने में जुट गई है। इस त्रासद घटना ने एक बार फिर क्षेत्र में खदानों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है, जिसका जवाब स्थानीय लोग और मृतक के परिजन प्रशासन से मांग रहे हैं।

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