एनसीएल खड़िया परियोजना में नौकरी के नाम पर ठगी का आरोप, स्थानीय युवाओं की अनदेखी
निजी कम्पनी कलिंगा विवादों के घेरे में, लोगों ने लगाया वसूली का आरोप
बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर स्थानीय आदिवासी युवा
अजयंत कुमार सिंह (संवाददाता)
एनसीएल की खड़िया कोयला परियोजना में ओवरबर्डेन हटाने का कार्य कर रही निजी कंपनी कलिंगा में हेल्पर और ड्राइवरों की भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। सोनांचल संघर्ष वाहिनी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रोशन लाल यादव ने आरोप लगाया है कि इस भर्ती में एक संगठित गिरोह युवाओं से मोटी रकम वसूल कर मनमाने ढंग से भर्तियां कर रहा है।
उन्होंने दावा किया कि इस गोरखधंधे में बड़े-बड़े लोग शामिल हैं और अपने निजी कोटे के नाम पर करोड़ों रुपये का खेल खेला जा रहा है। यादव ने यह भी आरोप लगाया कि इस भर्ती प्रक्रिया में सोनांचल के आदिवासी और मूलनिवासी युवकों की घोर अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि उनकी संस्था वर्ष 2017 से ही एनसीएल की बीना, कृष्ण शीला, दुद्धीचुआ और खड़िया कोयला परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए गाइडलाइन बनाने और 80% आरक्षण सुनिश्चित करने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुकी है।
Read More Central Govt Employees: ECHS में इलाज के दामों में बड़ा बदलाव, 15 दिसंबर से लागू होंगी नई दरेंउन्होंने कहा कि इस गंभीर धांधली को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी कई बार पत्र और ज्ञापन भेजे गए, लेकिन स्थानीय बेरोजगारों की पीड़ा अनसुनी कर दी गई। यादव ने मांग की कि गैरकानूनी तरीके से हो रही इस भर्ती की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
सोनांचल संघर्ष वाहिनी के अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के अंदर भर्ती के लिए गाइडलाइन नहीं बनाई जाती है, तो उनकी संस्था अनपरा थाना चौक से खड़िया जीएम गेट तक पदयात्रा करेगी और खड़िया कोयला परियोजना के जीएम को ज्ञापन सौंपकर गाइडलाइन के अनुसार भर्ती करने और गैरकानूनी भर्तियों को रद्द करने की मांग करेगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सोनांचल के बेरोजगारों के हितों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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