सरकारी नौकरी में आय से अधिक सम्पत्ति कहा से आई, सम्पत्ति की हो आवश्यक जांच
स्वास्थ विभाग में फैला मकड़जाल से करोड़ो की सम्पत्ति के है मालिक अधिकारी
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सीएमओ से लेकर स्वास्थ अधिकारी तक मालामाल विभाग हुआ कंगाल
बलरामपुर। जहां सरकार विभागीय भ्रष्टाचार पर पूर्ण अंकुश लगाने और जीरो टारलेन्स की बात करती है और लगातार दावा कर रही है की प्रदेश अपराध मुक्त हो गया तो वही देखा जाए तो भ्रष्टाचार अपने चरम पर है जहां विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक की मनमानी व भृष्टाचार के चलते लगातार क्षेत्र में भ्रष्टाचार होने की बात सामने आ रही है और इसके साथ में तमाम विभाग की अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति आय से कई गुना अधिक होते देखी जा रही है जिसका भौतिक सत्यापन अगर किसी अन्य एजेंसी से कराया जाए तो सारे राज खुल जाएंगे इतनी सम्पत्तियों के अर्जन का स्रोत क्या है जिसकी तस्वीर आपको जनपद बलरामपुर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में देखने को मिलेगी जिनके नियुक्ति से लेकर अब तक के सारे रिकार्ड चेक किये जाय और अर्जित दौलत का स्रोत जांचा जाए तो तमाम राज खुलने की बात होगी। जिसका खुलासा होना अति आवश्यक है।
जिसके लिए तमाम ऐसे भृष्ट अधिकारी भी जांच के घेरे में आएंगे आखिर इनका आय के स्रोत क्या है और कितने हैं। अगर विभागीय भ्रष्टाचार की बात की जाए तो जनपद बलरामपुर का स्वास्थ विभाग भ्रष्टाचार में अव्वल की बात सामने आती है। जहां टेंडर से लेकर स्वास्थ विभाग के द्वारा दवा के खरीद से लेकर सरकारी व्यवस्थाओं व अन्य योजनाओं में मिलने वाला सरकारी धन का लगातार बंदर बात होने की बात सामने आ रही है जिसका खुलासा कई बार खबरों के माध्यम से पूर्व में किया जा चुका है इसमें दवा के खरीद पर सवाल उठाए गए जिसकी मार्केट वैल्यू कुछ है और खरीद उससे कहीं अधिक रुपए में की जा रही है जिसमें अधिकारी के चहेते सप्लायर के साथ जिले के अन्य अधिकारी की मिली भगत से करोड़ो रुपए का बंदर बाट कर करोड़ो अरबो का खेल पूर्व में हुआ का मामला प्रकाश में आया है।
लेकिन समय के साथ ही हुआ भ्र्ष्टाचार के मामले को लापता कर देने का खेल कर मामले को ठंडे बस्ते में पहुंचा दिया गया और शासन को भृमित करने की रिपोर्ट दे विभाग को संतुष्ट कर दिया गया।जंहा कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खेल करने का कार्य किया गया है। इसकी जानकारी सूत्रों के द्वारा मिल रही है जिसकी पुष्टि अभी कुछ दिन पहले एक वायरल वीडियो में हुई है जहां पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपने पीएफ के भुगतान को लेकर जब बाबू के पास पहुंचता है तो वहां उसे 120000 के भुगतान पर 20 हजार की मांग की जाती है ।वायरल वीडियो में यह भी बताया गया है कि हमें अधिकारियों को काम के लिए पैसा देना पड़ता है तभी काम होता है नहीं तो काम नहीं होता है।
अंदाजा कर सकते है कि स्वास्थ्य विभाग बलरामपुर में किस प्रकार और कितना भ्र्ष्टाचार व्याप्त है जिस पर जब खबरें वायरल होने लगी तो उस बाबू को जो श्रीदत्तगंज में तैनात था उसे आनंन फ़ानन में कार्रवाई के नाम जांच गठित करते हुए उसे अन्य स्थान सादुल्ला नगर स्वास्थ केंद्र पर ट्रांसफर कर दिया गया जिससे कि विभागीय राज न खुलने पाए और पर्दे के पीछे का खेल जगजाहिर न हो ।जिससे ऐसा लगता है की हो रहे तमाम भ्रष्टाचार में स्वास्थ् विभाग के उच्च अधिकारियों के बिना मिलीभगत के ऐसा संभव नहीं है और उनके मर्जी से ही सारा वसूली का खेल विभाग में होता है जिसकी तस्वीर वायरल वीडियो के द्वारा की जा सकती है। वही अगर ऐसे अन्य मामलों की जांच शासन स्तर के किसी अन्य एजेंसी से हो जाये तो तमाम लोग बेनकाब होगे और उनका असली चेहरा जनता के सामने होगा। जब इस संबंध में संबंधित अधिकारी से जानकारी लेनी चाही तो उनका फोन नही लगा।
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