योगी आदित्यनाथ से विधायकों का मिलना क्या महज़ औपचारिकता 

योग्य और युवा नेताओं को मिल सकता है मंत्रिमंडल में स्थान, हार की समीक्षा भी एक एक नेता से कर रहे हैं मुख्यमंत्री 

योगी आदित्यनाथ से विधायकों का मिलना क्या महज़ औपचारिकता 

कानपुर। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर कई नये अध्यादेशों को पास किया। इसके बाद मुख्यमंत्री से मिलने के लिए विधायकों और पदाधिकारियों की लाइन लगी हुई है और ऐसे क्षेत्रों के विधायकों और पदाधिकारियों को ज्यादा देखा जा रहा है जहां लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी पिछड़ी थी।
 
 आज करीब एक दर्जन विधायकों और पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री के पास जाते हुए देखा गया। हालांकि पार्टी के अनुसार यह एक औपचारिक रूप से मुलाकात बताई जा रही है। लेकिन इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इधर लोकसभा चुनाव में भितरघात के भी कई प्रकरण भारतीय जनता पार्टी में सुनने को मिले हैं। जिसमें संजीव बालियान और संगीत सोम की लड़ाई तो जग जाहिर हो चुकी है। निश्चित ही मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों से इस पर भी चर्चा की होगी।
 
लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है और मुख्यमंत्री 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही तैयारियां कर रहे हैं। जहां कमियां समझ में आ रहीं हैं उन पर निगाह रखी जा रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने टिकट वितरण किया था वह किसी को भाया नहीं है नहीं तो परिणाम कुछ और हो सकते थे।
 
 इन गतिविधियों से ऐसा प्रतीत होता है कि योगी मंत्रिमंडल में भी कुछ फेरबदल संभव है जो नेता योग्य हैं और मंत्रिमंडल से बाहर हैं उनको मंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी काफी दूर की सोच कर चल रही है और आने वाले दिनों में कुछ परिवर्तन अवश्य ही दिखाई देंगे।
 
 

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