स्वतंत्र प्रभात
चीन ने भारत के सुर में सुर मिलाते हुए अफ्रीकी संघ (AU) को G20 में शामिल करने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया है। चीन ने कहा कि वह पुरजोर तरीके से संगठन में अफ्रीकी समूह को शामिल करने का समर्थन करता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत, अफ्रीकी संघ को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह G20 में बतौर पूर्ण सदस्य शामिल करने का समर्थन करता है क्योंकि धरती की भविष्य में कोई योजना सभी के प्रतिनिधित्व और उनकी आवाज सुने बिना सफल नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम वैश्विक शासन में एयू की बड़ी भूमिका का समर्थन करते हैं।'' गत कुछ वर्षों से भारत वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को वैश्विक मंच पर रखने के मामले में खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है। अफ्रीकी संघ की जी-20 सदस्यता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं। जून में, मोदी ने G20 नेताओं को पत्र लिखकर नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को समूह की पूर्ण सदस्यता देने की वकालत की।
खबर है कि एयू को नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान संगठन में शामिल किया जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि, ‘‘चीन पहला देश है जिसने एयू के G20 में शामिल होने के लिए स्पष्ट रूप से समर्थन व्यक्त किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हाल ही में चीन-अफ्रीका नेताओं के बीच हुए संवाद के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एक बार फिर जोर दिया कि चीन, जी-20 में एयू की पूर्ण सदस्यता का पूर्ण रूप से समर्थन करता है।'' माओ ने कहा कि चीन और एयू साझा भविष्य के साथ उच्च स्तरीय व्यवस्था के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय समानता और न्याय की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भागीदार हैं।