ब्यूरो नसीम खान क्या'
बगहा,स्वतंत्र प्रभात। यूपी बिहार के लाइफ लाइन पीपी तटबंध पर कराए गए क़रीब 700 मीटर बांध निर्माण के साथ ही पहली बरसात में धराशाई होने लगा है जिसको लेकर ग्रामीणों ने गण्डक नदी तट पर ठकरहा प्रखण्ड के हरख टोला मोतीपुर में विरोध प्रदर्शन किया है। दरअसल नेपाल से निकलने वाली गंडक नदी यूपी बिहार सीमा होकर गुजरती है जहां बगहा के ठकरहा में पीपी तटबंध के समीप हरख टोला स्थित क़रीब 7 करोड़ की लागत से जल संसाधन विभाग की ओर से हाल ही में एंटी रोजन कार्य कराया गया था जो बरसात की पहली फुहार को नहीं रोक सका और बांध दरकने के साथ नदी में कटकर समाहित होने लगा लिहाजा गण्डक दियारावर्ती इलाके के लोगों में प्रशासन व जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश है यहीँ वज़ह है कि लोग सपरिवार नदी तट पर हो रहे कटाव को लेकर विरोध में उतर आए हैं। बरसात पूर्व ही कटाव रोधी कार्य नदी में धराशाई होने से अफ़रा तफ़री मची है । बताया जा रहा है कि गंडक नदी के जलस्तर में अभी मामूली बढ़ोतरी हुई है और कटाव रोधी कार्य बेअसर साबित होने लगा है । जिसके चलते ग्रामीणों में भय का माहौल कायम हो गया है। बताया जा रहा है कि ठकराहा प्रखंड के हरखटोला मुसहरी में एन्टीरोजन कार्य में क़रीब 4 सौ मीटर कार्य तकनीकी कमियों औऱ अभियंताओ की अनदेखी के कारण नदी में विलीन होने के साथ ही बरसात में भारी तबाही औऱ बांध टूटने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बरसात से पहले ही एक तरफ से सटर्ड और कैरैट नदी में धंस रहे हैं। हद तो यह है कि मौके से जल संसाधन व सिंचाई विभाग के अभियंता भी नदारद हैं । यहीँ वज़ह है कि आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है औऱ ग्रामीण सरकार से जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि तटबंध और गावों की सुरक्षा के लिए सरकार करोडों रुपये प्रति वर्ष खर्च करती है लेकिन प्रशासनिक व विभागीय भ्रष्टाचार की वजह से समाज की आर्थिक व्यवस्था को सबसे ज्यादा प्रभावित होता है यही भ्रष्टाचार समाज के अंग-अंग में बस कर आम जनता को त्रस्त करता है औऱ हर साल बड़ी तबाही बाढ़ औऱ कटाव से होती है लिहाजा इस बार शुरुआती दौर में ही बांध दरकने व कटने के साथ नदी में विलीन होने को लेकर दियारावर्ती इलाके के लोग इसकी उच्च स्तरीय जांच के साथ ही कार्रवाई की मांग पर अड़े फ़िलहाल बचाव कार्य शुरू करने की बात कर रहे हैं ।
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