भूमाफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर फिर से कब्जा कर भूमाफिया ने प्रशासन को दे रहे चुनौती
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भूमाफियाओ के खिलाफ अभियान चलाकर अवैध कब्जे छुड़ा रही है
जिसको बड़ी मस्कक्तो के बाद तहसीलदार निधि पाण्डेय ने कब्जा मुक्त करवाया था और इन दबंगो पर सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 व 4 के अन्तर्गत मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। लेकिन बेखौफ भूमाफियों ने उसी जमीन पर फिर से कब्जा कर लिया है कब्जा करने वालो मे छत्रपाल व सरवन ने इन जमीनो पर कब्जा तो किया ही साथ ही अवैध कब्जे का विरोध करने वाले ग्रामीणो पर एससी एसटी सहित कई धाराओ मे फर्जी मुकदमे भी दर्ज करवा दिए
और तो और इन दबंगो की दबंगई यही नही रुकी नाप जोक करने वाले लेखपाल सुमित पर भी एससी एसटी का दावा पेश कर दिया जिसके बाद लेखपाल साहब को भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़े थे। वही इस पूरे मामले में रामदत्तराम उपजिलाधिकारी हसनगंज ने बताया कि कब्जे का ग्राम पंचायत की सुरक्षित भूमि पर अवैध कब्जे का मामला जानकारी मे आया है जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जबकि ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि दबंगों व भू माफियाओं द्वारा शमशान चारागाह व अन्य सरकारी जमीनों पर पूर्व में भी कब्जा कर लिया गया था जिसके बाद इसे प्रशासन के द्वारा कब्जा मुक्त कराकर मुकदमा चलाया गया था लेकिन दबंगों को इसका भी डर नहीं रहा वर्तमान में भी भू माफियाओं ने फिर से जमीन को जोतवा कर उसमें गेहूं बो दिया है इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री जिला अधिकारी सहित अपनी तहसील स्तर पर दर्ज कराई है ।
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