अद्वितीय प्रतिभा के साहित्यकार थे आचार्य रामचंद्र शुक्ल : मंडलायुक्त,

अद्वितीय प्रतिभा के साहित्यकार थे आचार्य रामचंद्र शुक्ल : मंडलायुक्त,

वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा को किया गया सम्मानित


 स्वतंत्र प्रभात 

 मिर्जापुर। आचार्य रामचंद्र शुक्ल स्मारक संस्थान रमईपट्टी में हिंदी के मनीषी व विद्वान आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 137 वीं जयंती शरद पूर्णिमा के अवसर पर मनायी गयी। इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र एवं विशिष्ट अतिथि  पुलिस उप महीनिरीक्षक आर के भारद्वाज ने आचार्य शुक्ल व महर्षि वाल्मीकि के चित्रों पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम के प्रारम्भ में गायत्री परिवार के पं रमाशंकर द्विदी ने वंदना गीत प्रस्तुत किया।


   इस अवसर पर मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि माना जाता है। इसी प्रकार हिंदी साहित्य में आचार्य शुक्ल के लेखकीय व्यक्तित्व को देखते हुए आदि कवि या रचनाकार से विभूषित किया जी सकता है। उनका हिंदी साहित्य का इतिहास लेखन उनके अद्वितीय इतिहासकार व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है। वहाँ केवल सूचनाओं का संकलन मात्र नही है बल्कि एक नयी दृष्टि और चिंतन है। इसलिए उनको नापसंद करने वाले भी बाद में उनके प्रशंसक हो गये।


   पुलिस उप महानिरीक्षक आर के भारद्वाज ने कहा कि ब्रिटिश पदीय प्रलोभन भी आचार्य शुक्ल के नि:स्वार्थ  हिंदी स्वाभाव को डिगा नहीं पाया। उन्होंने शासकीय सुख-सुविधाओं को त्यागकर नि:स्वार्थ भाव से हिंदी के विकास में अपना संपूर्ण योगदान दिया।


   संस्था के प्रबंधक व आचार्य शुक्ल के भातृ-पौत्र राकेश चंद्र शुक्ल ने आचार्य शुक्ल के जीवन के प्ररम्भ से अंत तक के उनके  व्यक्तित्व के विविध प्रसंगों की सिलसिलेवार चर्चा की और उनके मिर्जापुर निवास पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।


   एसोसिएट प्रोफेसर व हिंदी के विद्वान डॉ अनुज प्रताप सिंह ने उनके लेखकीय व्यक्तित्व व तत्कालीन प्रसंगों की चर्चा करते हुए गोष्ठी को अकादमिक स्वरूप दे दिया और इस तरह आचार्य शुक्ल के लेखकीय और स्वाभिमानी व्यक्तित्व को सजीव कर दिया। अध्यक्षता करते हुए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शरद कुमार मिश्र नें कई पीढ़ी पूर्व के संबंधों की चर्चा कर शुक्ल जी के व्यक्तित्व को प्रस्तुत किया।


   विद्यालय के प्रबंधक राकेश चंद्र शुक्ल ने मिर्जापुर में आचार्य रामचंद्र शुक्ल विंध्य विश्वविद्यालय की स्थापना व आचार्य शुक्ल पार्क बरौंधा कचार में पुस्तकालय एवं वाचनालय की सथापना की माँग संबंधी ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपा।


   इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा को नाटक 'ईशा' के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से पुस्कृत होने पर मंडलायुक्त ने 'हिंदी पब्लिकेशन' की ओर से अंगवस्त्रम व प्रतीक चिंह देकर सम्मानित किया। प्रबंधक राकेश चंद्र शुक्ल को भी हिंदी की सेवा के लिए मंडलायुक्त ने सम्मानित किया।


   कार्यक्रम का संचालन करते हुए अरविंद अवस्थी ने आचार्य शुक्ल से जुड़े अनेक प्रसंगों की चर्चा की। समारोह में काव्यपाठ करने वाले कवियों में शुभम श्रीवास्तव ओम, श्याम अचल,इम्तियाज अहमद गुमनाम,प्रतिमा शर्मा,पीयूष तिवारी आदि थे। इस दौरान श्रीमती अंजना गुप्ता ने सहज योग के अंतर्गत आत्मसात्क्षार का अभ्यास कराया।
   इस अवसर पर शामिल लोगों में प्रो ध्रुव कुमार,जिला सूचनाधिकारी डॉ पंकज कुमार आदि रहे।
 

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