प्रवासी मजदूरों द्वारा शुरू हुआ कल्याणी नदी का जीर्णोद्धार

प्रवासी मजदूरों द्वारा शुरू हुआ कल्याणी नदी का जीर्णोद्धार

ब्यूरो रिपोर्ट :- संदीप तिवारी बाराबंकी – जनपद में विलुप्त की कगार पर पहुंच चुकी कल्याणी नदी का जीर्णोद्धार प्रवासी मजदूरों द्वारा मनरेगा के माध्यम से शुरू किया गया है l इस कोरोना के संकट में जंहा एक तरफ विलुप्त नदी को अपना अस्तित्व मिलेंगा तो वंही दूसरी तरफ लॉक डाउन के चलते प्रवासी श्रमिकों

ब्यूरो रिपोर्ट :- संदीप तिवारी

बाराबंकी –

जनपद में विलुप्त की कगार पर पहुंच चुकी कल्याणी नदी का जीर्णोद्धार प्रवासी मजदूरों द्वारा मनरेगा के माध्यम से शुरू किया गया है l इस कोरोना के संकट में जंहा एक तरफ विलुप्त नदी को अपना अस्तित्व मिलेंगा तो वंही दूसरी तरफ लॉक डाउन के चलते प्रवासी श्रमिकों को जीवनयापन के लिए रोजगार प्राप्त हुआ । किसानों के लिए जीवनदायिनी रही कल्याणी नदी दशकों पहले सूख गई थी और नदी के तटों को लोग कब्जा करते गए जिससे नदी कब विलुप्त हो गई, पता ही नहीं चला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विलुप्त हो चुकी नदियों के पुनरुद्धार के साथ दिल्ली, मुंबई, पंजाब व अन्य राज्यों से आए हज़ारो प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ा जा रहा हैं l

गांवों की साफ-सफाई से लेकर सड़क, नहर, पौधारोपण और छोटी-छोटी नदियों और तालाबों को पुर्नजीवित किया जा रहा है। प्रदेश की योगी सरकार अन्य राज्यों से यूपी लौटने वाले कामगारों और श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया हैl लॉकडाउन के कारण बाहरी राज्यों से रोजगार गवां कर घर वापस आ रहे लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार बड़ी राहत दे रही हैl जिस वक्त प्रवासी श्रमिकों को लग रहा था कि घर पहुंच कर वे बेरोजगार हो जाएंगे, उस वक्त सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा को रोजगार का सबसे बड़ा हथियार बना दिया इस योजना से न केवल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला है, बल्कि प्रदेश के गांवों की तस्वीर भी बदल रही हैl

प्रवासी मजदूरों द्वारा शुरू हुआ कल्याणी नदी का जीर्णोद्धार

बाराबंकी जिले में भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मनरेगा कार्य को शुरू कर दिया गया है। इससे श्रमिकों को अब रोजगार मिलने लगा है। गांवों की साफ-सफाई से लेकर सड़क, नहर, पौधारोपण और छोटी-छोटी नदियों और तालाबों को पुर्नजीवित करने के कामों में तेजी आई हैl लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों के आय के सभी साधन बंद पड़े थे लेकिन मनरेगा कार्य शुरू होने से मजदूरों को काफी राहत मिलने लगी है जिससे इनकी अर्थव्यवस्था जल्द ही पटरी पर लौटने की उम्मीदे है। मनरेगा में कार्य कर रहे श्रमिकों द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी किया जा रहा है।

सरकार के निर्देश पर विभाग द्वारा मनरेगा मजदूरों को मास्क व सेनेटराइज उपलब्ध कराया गया है। जिले के 900 ग्राम पंचायतों में करीब 43 हजार मजदूरों को अभी मनरेगा योजना तहत दिया गया है l लगातार जिला प्रशासन अधिक से अधिक मजदूरों को मनरेगा योजना के कार्यो में जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के प्रयास में जुटी है। इस संबंध में उपायुक्त मनरेगा नरेंद्र देव ने बताया कि जिले में 173 किलो मीटर की दूरी तक फैली कल्याणी नदी बीच बीच में सुख गई थी और इसके तट बंधो पर ग्रामीण लगातार कब्जा कर रहे थे l

जिससे नदी विलुप्त हो रही थी इसके पुनरुद्धार के लिए मनरेगा योजना के माध्यम से करीब 29 हजार श्रमिकों द्वारा 59 लाख की कार्य योजना तैयार कर कल्याणी नदी को पूर्व की भांति विकसित किया जा रहा है l इस योजना में अन्य राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार दिया गया हैl जिले में 900 ग्राम पंचायतों में करीब 43 हजार मनरेगा श्रमिकों के माध्यम से कई कार्य चल रहे हैं l

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