भदोही में ‘लाॅकडाऊन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की ‘कुछ’ लोग उडा रहे धज्जियां।

भदोही में ‘लाॅकडाऊन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की ‘कुछ’ लोग उडा रहे धज्जियां।

भदोही में ‘लाॅकडाऊन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की ‘कुछ’ लोग उडा रहे धज्जियां। संतोष तिवारी( रिपोर्टर ) भदोही। सरकार भले ही कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों से ‘सामाजिक दूरी’ और ‘एकांतवास’ को मानने की बात कह रही है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो सरकार की बातों को मानना अपनी तौहीन समझते है।

भदोही में ‘लाॅकडाऊन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की ‘कुछ’ लोग उडा रहे धज्जियां।

संतोष तिवारी( रिपोर्टर )

भदोही। सरकार भले ही कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों से ‘सामाजिक दूरी’ और ‘एकांतवास’ को मानने की बात कह रही है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो सरकार की बातों को मानना अपनी तौहीन समझते है। और अपने इस मनमानी कुकृत्य से खुद के साथ साथ दूसरों को भी परेशानी में डालने की तैयारी कर रहे है। देखा जा रहा है कि जब से सरकार ने लाॅक डाऊन की घोषणा की है और सामाजिक दूरी बनाये रहने की अपील की है। तबसे देश में तो अधिकतर लोग सरकार की बातों को मान रहे है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जो अपने ‘रूतबा’ या ‘मनमानी’ के आगे सरकार के ‘सामजिक दूरी’ की मंशा की धज्जियां उडाते दिख रहे है।
एक जहां एक तरफ सरकार के नुमाइंदे व जिम्मेदार भी सामाजिक दूरी का नियम तोडते दिख रहे है। जो समाज के लिए एक संदेश है। मानते है कि सरकारी अधिकारी, पुलिस, चिकित्सक, समाजसेवी और पत्रकार यदि घर में रहते है तो काम करना मुश्किल होगा लेकिन कही न कही ये जिम्मेदार भी लोग ‘सामाजिक दूरी’ का नियम तोडे जाते देखे जा रहे है। भले ही इन जिम्मेदार लोगों के द्वारा जाने या अंजाने में इस नियम को तोडने का मामला दिखता है लेकिन यह भी किसी खतरे से कम नही है। इन सभी को चाहिए कि सरकार के तरफ जारी दिशा निर्देश को मानते हुए ही अपने ‘पुनीत’ कार्य को पूरा करें। क्योकि ये जिम्मेदार लोग भी किसी न किसी परिवार के सदस्य है और समाज और देश को इनकी बहुत जरूरत है। क्योकि संक्रमण पद या रूतबा नही देखेगा वह तो मौका पाते ही आक्रमण करके चपेट में ले लेगा। इसीलिए सावधानी बहुत ही जरूरी है।

भदोही में ‘लाॅकडाऊन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की ‘कुछ’ लोग उडा रहे धज्जियां।

वही दूसरी तरफ आम आदमी की तो बात ही नही सरकार भले ही कोरोना वायरस को लेकर इतना सक्रिय है कि इसके प्रकोप और संक्रमण को रोका जाये लेकिन कुछ मनमानी पूर्ण कार्य करने वाले सामाजिक दूरी के नियम को मानने में शर्म समझते है। जबकि मालूम होना चाहिए कि संक्रमण किसी भी कीमत पर संकोच नही करेगा और सीधा आक्रमण करके हालत को बिगाड देगा। और संक्रमण फैला तो किसी भी तरह इसे काबू करना भारी पड जायेगा। गांवों में तो हालत इतनी खराब है कि लोग बैठकर गप्पे मार रहे है। दुकानों पर भी मनमानी भीड देखने को मिल जाती है। देखा जा रहा है कि न तो दुकानदार और धन ही ग्राहक सामाजिक दूरी का पालन कर रहे है। और इस नियम की धज्जियां उडा रहे है। पुलिस भी इन पर अपनी कृपा बरसाकर छोड दे रही है। कुछ जगह देखा जाता है कि जब पुलिस को देखते है तो दूर हो जाते है बाद में फिर भीड लग जा रही है। आखिर इस तरह की लापरवाही यदि चलती रहेगी तो सरकार के लाॅक डाऊन को सफल मानना तो केवल झूठा ही होगा। क्योकि लोग है कि अपने ही हिसाब से रहना चाह रहे है। उन्हे अपनी जिन्दगी से ज्यादा प्यारा गप्प लगाना, राजनीति करना, टहलना, पान गुटखा खाना प्यारा दिख रहा है। सरकार ने पान गुटखा पर रोक लगा दी है इसके बावजूद भी लोग दुकानों से गुटखा खरीद रहे है और दुकानदार भी धडल्ले से बेच रहे है। दुकानदार गुटखा को छिपाकर अपने दुकान में रखे है और चुपके से कोई मांगता है तो ऊंचे दाम पर बेच कर कमाई कर रहे है। इन चाय पान वालो पर पुलिस भी मेहरबान दिखती है। और ये दुकानदार लाॅक डाऊन और सामाजिक दूरी की धज्जियां उडाने में अहम भूमिका निभा रहे है। इन्ही दुकानों पर बैठने वाले लोग ऐसी ऐसी बात बताते है जो कि अफवाहों के बाजार को गरम करती है। जो कभी राजनीति से प्रभावित रहती है तो कभी जाति व धर्म से। सरकार इतना लोगों को जागरूक कर रही है लेकिन फिर कुछ समाज के गद्दार सरकार की बातों को नही मान रहे है। और अपने साथ साथ इस महामारी के संक्रमण को फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे है। प्रशासन को इस तरह की लापरवाही करने वालों के खिलाफ कडा रूख अपनाना पडेगा नही तो इनकी लापरवाही और कुछ लोगों के रूतबा की वजह से कोरोना के संक्रमण को रोकने में बडी समस्या हो सकती है। गांवों में बहुत लोग अन्य राज्यों से आकर चुपके से अपने परिवार और गांव के लोगों के साथ मिल जुलकर संक्रमण फैला सकते है। प्रशासन ऐसा करने वाले के खिलाफ भी सख्त हो तभी जिले में कोरोना के संक्रमण को रोकने में सफलता मिल सकती है। क्योकि इधर कई दिनों से जिले में काफी ‘परदेशी’ आ रहे है कुछ तो जागरूक है जो सीधे जांच कराने पहुंच जा रहे है लेकिन कुछ लापरवाह और गद्दार किस्म के लोग चुपके से आकर अपने गांव में रहना प्रारम्भ कर दे रहे है। कुछ गांवों में ग्राम प्रधान भी इस तरह के परदेशियों पर रहम कर रहे है कि वह व्यक्ति खास है। यदि ग्राम प्रधान बाहर से आने वाले सभी परदेशी की जानकारी प्रशासन को नही देंगे तो यह एक निदंनीय कार्य है। सरकार के तरफ से जारी निर्देश को मानना सभी का कर्तव्य है लेकिन कुछ गद्दार किस्म के लोग मानने को तैयार नही है और नियमों की धज्जियां उडाने से बाज नही आ रहे है। शासन प्रशासन को इस तरह के लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जरूरत है। तब ही देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने में सफलता प्राप्त हो सकती है।

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