
कोरोनाः अपनी सुरक्षा अपने हाथ, व्यवस्थाओं पर न करें ज्यादा बात
-अस्पताल से भागा कोरोना का संदिग्ध वापस लौटा, जिला चिकत्सालय में कराया भर्ती-कोरोना वाइसर की रोकथाम के लिए ग्राम प्रधानों को सौंपी जिम्मेदारी मथुरा। कोरोना से बचना है तो अपनी सुरक्षा अपने हाथ है। सिर्फ सरकार के भरोसे रह कर इस महामारी से बचाव संभव नहीं है। जिला चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड तो है लेकिन
-अस्पताल से भागा कोरोना का संदिग्ध वापस लौटा, जिला चिकत्सालय में कराया भर्ती
-कोरोना वाइसर की रोकथाम के लिए ग्राम प्रधानों को सौंपी जिम्मेदारी
मथुरा। कोरोना से बचना है तो अपनी सुरक्षा अपने हाथ है। सिर्फ सरकार के भरोसे रह कर इस महामारी से बचाव संभव नहीं है। जिला चिकित्सालय में आईसोलेशन वार्ड तो है लेकिन किट नहीं है। आइसोलेशन वार्ड को भी जनपद के प्रभारी मंत्री सतीश महाना के निरीक्षण के बाद बदला गया है। इससे पहले आइसोलेशन वार्ड की हालत भी खराब थी। इसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ग्राम प्रधानों के साथ हुई कोरोना को लेकर बैठक में साफ कर दिया। सरकारी व्यवस्थाओं का रोना रोने का यह समय नहीं है।
ग्राम प्रधानों के साथ हुई बैठक में यह बात स्पष्टरूप से अधिकारियों ने बता दी। ग्राम प्रधानों को बताया गया कि जब तक आम आमदी जागरूक नहीं होगा और अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा तब तक इस तरह की चुनौतियों का सामना करना और इन्हें हराना संभव नहीं है।मथुरा में कोरोना वाइरस का एक संदिग्ध मिलने से हडकंप मचा हुआ है। केडी मेडिकल कालेज में एक युवक सर्दी की शिकायत लेकर पहुंचा। उसे संदिग्ध मानते हुए जांच के लिए कहा गया। इसके बाद युवक को भर्ती कर लिया गया। कोरोना संदिग्ध होने की सूचना युवक के परिजनों तक पहुंच गई। केडी मेडिकल कालेज पहुंचे युवक के परिजन उसे छुडा ले गये। कोरोना संदिग्ध के हास्पीटल से भाग निकलने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन में हडकंप मच गया। रात में ही उसे खोजकर केडी मेडिकल कालेज पहुंचाया गया।
हालांकि संदिग्ध युवक का कहना था कि उसे पुलिस लेकर नहीं आई है। वह खुद लौट कर आया है। पुलिस झूंठ बोल रही है। जिस समय संदिग्ध युवक केडी मेडिकल कालेज से जिला चिकित्सालय लाया गया उसने मास्क नहीं लगा रखा था। अपनी सफेद तौलिया से मुंह बंध रखा था। मरीज जिस समय जिला चिकित्सालय पहुंचा आईसोलेशन वार्ड पर ताला लटका हुआ था। केडी से युवक के साथ आया स्टाफ इंतजार करता रहा। युवक भी वार्ड के सामने टहलता रहा। जब संदिग्ध होने की सूचना मिल गई थी तो जिला चिकित्सालय में इतनी लापरवाही क्यों बरती गई।
मरीज की देखरेख को किट की भेजी डिमांड
यदि कोई मरीज आइसोलेसन वार्ड में उपचार को भर्ती किया जाता है तो उसकी देखरेख में लगने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने किट की डिमांड भेजी है। इसमें पूरा शरीर ढका रहेगा। यह किट एक बार ही उपयोग में आएगी।
ग्राम प्रधानों के साथ ब्लाक सभागार में ली बैठक
राया ब्लाक के सभागार में ग्राम प्रधानों की बैठक लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ग्राम प्रधानों को कोरोना वाइरस और इसके बचाव की जानकारी दी। ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह ग्रामीणों को इसके प्रति जागरूक करेंगे। हालांकि आंगनबाडी और आशाओं को इसकी बाकायदा ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
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