रेलवे जॉब रैकेट में 4 और गिरफ्तार, मास्टरमाइंड ने 2020 में लड़ा था दिल्ली विधानसभा चुनाव

रेलवे जॉब रैकेट में 4 और गिरफ्तार, मास्टरमाइंड ने 2020 में लड़ा था दिल्ली विधानसभा चुनाव

रेलवे जॉब रैकेट में 4 और गिरफ्तार, मास्टरमाइंड ने 2020 में लड़ा था दिल्ली विधानसभा चुनाव



डीसीपी (रेलवे) ने कहा कि सुखदेव, जो पूर्वी दिल्ली के न्यू सीलमपुर इलाके में एक छोटे से कार डीलर के रूप में काम करता था, उसने 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया था।

राजधानी दिल्ली में पिछले महीने भंडाफोड़ किए गए रेलवे जॉब रैकेट मामले में चल रही जांच के क्रम में दिल्ली पुलिस ने दो मास्टरमाइंडों सहित चार लोगों पकड़ने में सफलता हासिल की है। इनमें से एक आरोपी ने जन संभावना पार्टी के टिकट पर 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गया था।


डीसीपी (रेलवे) हरेंद्र कुमार सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि मुख्य मास्टरमाइंड सुखदेव सिंह और संदीप सिदाना को दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने कहा कि पहले गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों- मोहम्मद रिजवान और अमनदीप सिंह के खुलासे के बाद मास्टरमाइंड को पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि रिजवान और अमनदीप ने मुख्य मास्टरमाइंड के रूप में सुखदेव और संदीप के नामों का खुलासा किया था। दोनों आरोपियों सुखदेव और संदीप के पास से ठगी के पैसों से खरीदी गईं दो लग्जरी कारें और आपत्तिजनक साक्ष्य वाले आठ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।


राहुल और दीपक की मदद से करते थे ठगी

Kal Ka Mausam: हरियाणा समेत देशभर में कल कैसा रहेगा मौसम? देखें पूर्वानुमान  Read More Kal Ka Mausam: हरियाणा समेत देशभर में कल कैसा रहेगा मौसम? देखें पूर्वानुमान

अधिकारी ने कहा कि संदीप ने दीपक और राहुल नाम के दो लड़कों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास डीआरएम कार्यालय और रेलवे अस्पताल में रखा था। इन दोनों लड़कों की रेलवे कार्यालयों तक आसानी से पहुंच थी। दीपक एक संविदा पंप ऑपरेटर है और राहुल के मामा रेलवे अस्पताल में एक एम्बुलेंस चालक हैं। इन दोनों लड़कों के परिवार जन्म से ही रेलवे के सर्वेंट क्वार्टर में रह रहे थे।

Indian Railways: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, ये नए नियम हुए लागू  Read More Indian Railways: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, ये नए नियम हुए लागू

डीसीपी ने कहा कि एक साल पहले वे वहां से शिफ्ट हो गए हैं। राहुल की मां रेलवे के स्टाफ क्वार्टर में काम करती थीं। नौकरी के इच्छुक लड़कों को इन लड़कों को रेफर किया जाता था, जो उन्हें डीआरएम कार्यालय ले जाते थे, जहां फॉर्म भरे जाते थे और फिर उन्हें समझाने के लिए उन्हें कार्यालय के अंदर एक चक्कर लगवा देते थे।

Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे पर घटेगी स्पीड लिमिट, इस वजह से लिया गया फैसला  Read More Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे पर घटेगी स्पीड लिमिट, इस वजह से लिया गया फैसला

अधिकारी ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए आरोपी पीड़ितों को रेलवे अस्पताल के एकांत कमरे और बाथरूम में ले जाते थे, जहां उनकी शारीरिक जांच की जाती थी और कई बार भर्ती की पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए रक्त के नमूने भी लिए जाते थे। 

सुखदेव पर हो गया था भारी कर्ज 

डीसीपी ने कहा कि सुखदेव, जो पूर्वी दिल्ली के न्यू सीलमपुर इलाके में एक छोटे से कार डीलर के रूप में काम करता था, उसने 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया था। सुखदेव ने उधार के पैसों से एक बड़ा निवेश किया था और बाद में उस पर बहुत अधिक कर्ज हो गया था।

सुखदेव को गाजियाबाद के मॉडल टाउन इलाके से गिरफ्तार किया गया, जहां वह कई दिनों से छिपा था। पुलिस ने उसके पास से धोखाधड़ी के पैसों से खरीदी गई एक मर्सिडीज कार भी बरामद की है।

वहीं, संदीप को भीकाजी कामा प्लेस के पास जाल बिछाकर गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से एक बीएमडब्ल्यू कार बरामद की गई है, जो उसने धोखाधड़ी के पैसों से खरीदी थी। उनके खुलासे पर उनके दो अन्य सहयोगियों दीपक और राहुल को सोमवार को गिरफ्तार किया गया।


पुलिस ने कहा कि दीपक नई दिल्ली में डीआरएम ऑफिस में एक कॉन्ट्रैक्चुल पंप ऑपरेटर के रूप में काम करता है, जबकि राहुल के मामा रेलवे अस्पताल, चेम्सफोर्ड रोड, नई दिल्ली में एम्बुलेंस चालक हैं।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुलिस ने 31 अगस्त को ट्रेन टिकट परीक्षकों (TTE) के वेष में घूम रहे पांच लोगों के एक समूह को गिरफ्तार कर रेलवे नौकरी रैकेट का पर्दाफाश किया था।

दो साल पहले एक-दूसरे के संपर्क में आए थे सुखदेव और संदीप

डीसीपी ने कहा कि सुखदेव नौकरी के लिए घूस की रकम पर बातचीत करने के बाद संभावित नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को फंसाता था। इसके बाद वह  संदीप को उनकी डिटेल रेफर करता था। अधिकारी ने कहा कि वे केस टू केस के आधार पर रकम तय करते थे। उनके बीच कई लेन-देन का पता चला है, लेकिन ज्यादातर पैसों का नकद में लेन-देन हुआ था। वे 2020 में एक-दूसरे के संपर्क में आए जब सुखदेव न्यू सीलमपुर क्षेत्र में एक छोटे कार डीलर के रूप में काम करता था। 

पहले कॉल सेंटरों में प्लेसमेंट का काम करता था संदीप

सुखदेव ने संदीप से मदद मांगी और दोनों ने रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को ठगने का फैसला किया। संदीप ने उन्हें पंजाब के जिला होशियारपुर में अपने मूल स्थान पर नौकरी प्लेसमेंट एजेंसी खोलने और उन्हें उनके पास भेजने का सुझाव दिया। अधिकारी ने कहा कि संदीप ने पहले कॉल सेंटरों में प्लेसमेंट किया था और उसे इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव था। उन्होंने कहा कि वह फर्जी रेलवे आवेदन फॉर्म और आईडी कार्ड तैयार करता था, जिसे वे मोबाइल फोन पर साझा करते थे।


 

Tags:

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel