भ्रष्ट खनन अधिकारी शशांक शर्मा का हुआ गैर जनपद स्थानान्तरण

भ्रष्ट खनन अधिकारी शशांक शर्मा का हुआ गैर जनपद स्थानान्तरण

भ्रष्ट खनन अधिकारी शशांक शर्मा का हुआ गैर जनपद स्थानान्तरण


खनन माफिया अभी भी कार्यवाही की जद से बाहर

खनन अधिकारी माफिया से साँठ-गाँठ कर जनपद को करा दिया छलनी

ललितपुर 


जनपद में खनन माफिया ने धरती को छलनी कर दिया है। खनन विभाग के साँठगाँठ के चलते यह गोरखधंधा चल रहा है। भले ही सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही का दावा किया जा रहा हो, लेकिन पिछले पाँच सालों में जनपद ऐसा देखने को नहीं मिला है। जिसके चलते भ्रष्टाचारियों व उनसे साँठगाँठ करने वाले लोगों के हौसले बुलन्द चल रहे हैं। 

अब देखना यह है कि योगी सरकार की दुसरी पारी में खनन विभाग में बैठे भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही होती है, या फिर वह माफिया से मिलकर ऐसे ही धरती की छाती को चीर कर खनिज सम्पदा निकालते रहेंगे। हालही में रोड़ा ग्रेनाइट खदान का मामला शांत नहीं हुआ था, कि उसी गाँव का एक और खनन का मामला प्रकाश में जहाँ पर कई पहाडिय़ों को खनिज अधिकारी की शह पर जमींदोज कर दिया गया है। शासन द्वारा शिकायतों के आधार खनन अधिकारी शशंक शर्मा का स्थानान्तरण गैर जनपद कर दिया गया है, लेकिन खनन माफिया अभी भी कार्यवाही की जद से बाहर हैं।

ग्राम रोड़ा व खड़ौवरा के बीच में ग्राम सभा भूमि है। इस भूमि पर पत्थर के बड़े-बड़े पहाड़ थे। इन पहाड़ों को अवैध खनन माफिया ने जमींदोज कर दिया है। यही नहीं खनन करने के पश्चात उसे मिट्टी व राख से पाट दिया है। यह सारा खेल खनन विभाग की साँठगाँठ से खेला गया है। राजस्व विभाग के कर्मी भी अपनी मौन स्वीकृति बनाये रखे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रोड़ा ग्रनाइट खदान में अवैध रूप से पत्थर निकालने वाले माफिया सुखसहाब द्वारा रोड़ा व ग्राम खड़ौवरा के बीच में यह अवैध खनन का कार्य किया है। वहाँ पर ग्राम सभा की भूमि पर वह अपने नाम का फार्म हाउस का बोर्ड भी दबंगाई के साथ लगाये हुये हैं। खुलेआम हुये इस अवैध खनन में खनन अधिकारी शशांक शर्मा की पूरी तरह से मिली भगत लग रही है। 

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क्यों नहीं हो रही अवैध खनन माफिया पर कार्यवाही

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क्योंकि सुखसहाब के अवैध खनन के कारोबार में वह निरंतर ही पर्दा डालते रहे हैं। इससे पहले रोड़ा ग्र्रेनाइट खदान का पूरा प्रकरण तो सभी ज्ञात ही है। राजस्व विभाग की जाँच में उजागर होने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। जबकि करोड़ों रुपये की राजस्व चोरी वहाँ पर खुलेआम की गयी है। उल्लेखनीय है कि रोड़ा स्थित ग्रेनाइट खदान में हुआ है। यह खदान विभाग द्वारा नदीपुरा निवासी नईम पुत्र अजमल के नाम अराजी संख्या 243, 248, 242 जिसका रकवा 1.775 एकड़ था। यह खदान सुखसहाब के द्वारा एग्रीमेन्ट के आधार पर अधिग्रहण कर ली गयी।

 इन्होंने लीज के एरिया में खनन न करते हुये, उसके पास खनन प्रारम्भ कर दिया। कई किसानों की आसपास की जमीन भी खोद डाली, इनकी दंबगाई के चलते कोई किसान आवाज भी नहीं उठा पाया। लेकिन कहा जाता है कि ऊँट की चोरी छुपकर नहीं होती है, इसकी शिकायत खनन विभाग को लग गयी। खनन विभाग को पट्टाधारक ने संभाल लिया। लेकिन जिलाधिकारी के संज्ञान में जब पूरा मामला आया, तो उन्हेांने मौके पर तहसीलदार को पैमाइश के आदेश जारी किये। सूत्रों की मानें तो वहाँ 15 एकड़ में खनन हुआ है।

 साथ ही खनन किया हुआ, इलाका पावर प्लाण्ट की राख से पाट दिया गया है। हालाँकि तहसीलदार द्वारा वहां पर कार्य रोकते हुये, खदान को सीज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि खनिज विभाग द्वारा लीज एरिया से अधिक एरिया में खनन करने को लेकर पट्टाधारक को नोटिस जारी किया था। विभाग द्वारा नेाटिस तो जारी कर दिया गया, लेकिन इसके बाद कोई कार्यवाही नहीं गयी है। यही नहीं अधिकारियों को भी इस विषय में अवगत नहीं कराया है। साथ ही रिकबरी भी जारी नहीं की गयी है। आम जनता नजर अब प्रशासनिक कार्यवाही पर टिकी हुई है।

क्यों नहीं हो रही अवैध खनन माफिया पर कार्यवाही
जिलाधिकारी के आदेश बाद तहसीलदार की जाँच में यह तथ्य उजागर हुआ था, कि लीज से अधिक में अवैध खनन हुआ है। इसके बाद भी न तो विभाग द्वारा पट्टा धारक के खिलाफ कोई कार्यवाही की गयी है, न ही प्रशासन ने ही कोई कदम उठाया है। इससे जनपद में यह प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।
सीज खदान से खनन की चर्चा भी बनी आम
हालही में जाँच के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार द्वारा खदान को सीज कर दिया गया था। जिसके बाद खनन कार्य बन्द कर दिया गया था। चर्चा में आया है कि एक बार फिर सीज खदान से खनन कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। हालाँकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है।
खनिज अधिकारी का हुआ स्थानान्तरण
शासन द्वारा भ्रष्ट खनिज अधिकारी शशांक शर्मा के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी है। उनका स्थानान्तरण गैर जनपद कर दिया गया है। ऐसा लग रहा है कि शासन ने उन्हें अन्य जनपद में भ्रष्टाचार करने का अवसर प्रदान किया हो, अगर ऐसे ही सरकार द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों का बचाव करना है, तो बुलडोजर के दावे चुनावी जुमले साबित हो जायेंगे।
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