प्रेम भाव व प्रेम के भूखे होते है  भगवान : आचार्य रामयस

 प्रेम भाव व प्रेम के भूखे होते है  भगवान : आचार्य रामयस

सिद्धार्थनगर । नगर पंचायत बिस्कोहर के भगत सिंह नगर वार्ड, फूलपुर राजा में चल रही श्रीमद्भागवत पुराण कथा के तीसरे दिन रविवार की रात्रि को श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रीधाम अयोध्या से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य रामयस दास जी महाराज ने अपने जीवनोपयोगी उपदेशों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आचार्य ने कहा कि दीर्घायु होने के लिए मनुष्य को प्रतिदिन प्राणायाम अवश्य करना चाहिए, इससे जीवन में संयम और इंद्रियों पर नियंत्रण बना रहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भगवान भाव और प्रेम के भूखे होते हैं, न कि भोग-विलास के।
 
कथा के दौरान महाराज ने विदुर चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि दासीपुत्र होने के बावजूद भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के राजसी भोग को त्यागकर विदुर के घर साधारण केले के छिलके भी प्रेमवश स्वीकार किए। यह प्रसंग दिखाता है कि प्रभु के लिए सच्ची भक्ति और निर्मल भाव ही सर्वोपरि हैं।आचार्य रामजस दास जी ने कश्यप ऋषि और दिति की कथा का भी भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि दिति की उद्विग्न अवस्था में गर्भाधान होने के कारण उनके गर्भ से असुर पुत्र हिरण्याक्षऔर हिरण्यकश्यप का जन्म हुआ।
 
दुष्ट प्रवृत्तियों के विनाश हेतु भगवान ने वराह अवतार धारण कर हिरण्याक्ष का वध किया। कहा कि भगवान समय-समय पर भक्तों की रक्षा व धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेते रहते हैं। इस दौरान सुधीर कुमार त्रिपाठी , राजेश अवस्थी उर्फ कालिया बाबा, चंद्रप्रकाश गुप्ता, सदानंद शुक्ला, विवेक शुक्ला, प्रिंस पांडे, रोहित गुप्ता, सरोज यादव, मुग्गुन मौर्य, लड्डू लाल भारती, बृजेश गुप्ता, अर्जुन त्रिपाठी, विजय त्रिपाठी, कल्लू पांडेय सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।

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