डीआईजी एस चनप्पा का औचक निरीक्षण: समाधान दिवस की पोल खुली, राजस्व विभाग नदारद—फरियादी मायूस लौटे

डीआईजी एस चनप्पा का औचक निरीक्षण: समाधान दिवस की पोल खुली, राजस्व विभाग नदारद—फरियादी मायूस लौटे

 ग़ोला बाजार गोरखपुर- गोला थाना परिसर में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस उस समय चर्चा का विषय बन गया जब डीआईजी गोरखपुर रेंज शिव शिप्पी चनप्पा ने अचानक थाने पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उनके औचक निरीक्षण ने एक बार फिर सिस्टम की सच्चाई उजागर कर दी—फरियादी थे, फरियाद थी, लेकिन समाधान के नाम पर हालात शून्य।
 
दोपहर ठीक 12 बजकर 15 मिनट पर डीआईजी डॉ. चनप्पा अपने लाव-लश्कर के साथ गोला थाने में दाखिल हुए। थाने में समाधान दिवस का आयोजन चल रहा था, लेकिन राजस्व विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में थी। कई मामलों में भूमि विवाद प्रमुख था, बावजूद इसके राजस्व विभाग का कोई सक्षम अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। फरियादी पंक्तिबद्ध थे, लेकिन उनकी सुनवाई अधूरी ही रह गई।
 
निरीक्षण के दौरान दो महत्वपूर्ण मामले सामने आए—एक कोपवा का और दूसरा ककरही का। दोनों फरियादी भूमि विवाद से त्रस्त थे और समाधान दिवस में न्याय की उम्मीद लेकर पहुंचे थे। डीआईजी ने दोनों की पीड़ा विस्तार से सुनी। लेकिन राजस्व अधिकारियों के अभाव में उनका प्रकरण कागजों से आगे बढ़ ही नहीं पाया। अधिकारियों की लापरवाही से नाराज़ डीआईजी ने मौके पर मौजूद टीम से सख्त लहजे में जवाब-तलबी भी की।
 
थाना परिसर में समाधान दिवस की मॉनिटरिंग कर रहे कोतवाल राहुल शुक्ला और राजस्व निरीक्षक गिरिजेश यादव हालांकि मौजूद थे, लेकिन अधिकांश प्रकरणों में फैसले की जिम्मेदारी राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों की थी, जो अनुपस्थित रहे। नतीजतन, मौजूद सभी मामलों का निस्तारण शून्य रहा।
 
निरीक्षण के दौरान डीआईजी एस एस चनप्पा ने कार्यालय, सीसीटीएनएस कक्ष और मिशन शक्ति केंद्र का भी गहन निरीक्षण किया। पुलिस अभिलेखों, महिला सहायता कक्ष और तकनीकी सुविधाओं का जायजा लेते हुए उन्होंने आवश्यक निर्देश भी दिए।
 
लगभग एक बजे निरीक्षण पूरा कर डीआईजी का काफिला थाने से रवाना हुआ, लेकिन उनके इस औचक निरीक्षण ने व्यवस्था में व्याप्त ढिलाई की पोल खोल दी। समाधान दिवस, जो जनता के लिए उम्मीद का मंच है, वह राजस्व विभाग की उदासीनता के चलते खानापूर्ति बनकर रह गया। इस दौरान निरीक्षक अपराध विनय कुमार, राजस्व कर्मी अवधेश लाल, परमहंस, रामाश्रय प्रसाद सहित दर्जनों कर्मचारी मौजूद रहे। फरियादियों की पीड़ा एक बार फिर यही प्रश्न छोड़ गई—जब अधिकारी ही उपस्थित न हों, तो समाधान दिवस आखिर किसके लिए?

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel