Haryana: हरियाणा में फर्जी सरकारी कार्यालय का खुलासा, बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था ऑफिस
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था कार्यालय
पुलिस की कार्रवाई के दौरान कार्यालय में महिला स्टाफ तैनात मिला, लेकिन संस्था के रजिस्ट्रेशन या सरकारी अनुमति से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिखाए जा सके। कर्मचारियों ने बताया कि कार्यालय का हेड हिसार के राममेहर नामक व्यक्ति है, जो खुद को भारत सरकार का अधिकारी बताता है।
पुलिस ने जब समाज कल्याण विभाग से इस संस्था की पुष्टि की, तो वहां कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
नीली बत्ती लगी बोलेरो जब्त
कार्यालय के बाहर नीली बत्ती लगी एक सफेद बोलेरो गाड़ी खड़ी थी, जिस पर “भारत सरकार” और “चीफ डायरेक्टर” लिखा हुआ था। पुलिस ने शक के आधार पर इस गाड़ी को जब्त कर लिया है और कार्यालय को सील कर दिया गया है।
1100 रुपए फीस लेकर ठगी का खेल
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि राममेहर नामक व्यक्ति ने बस स्टैंड के पास फर्जी कार्यालय खोल रखा था, जहां से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना और लाडो योजना जैसी सरकारी योजनाओं में आवेदन कराने के नाम पर प्रति व्यक्ति 1100 रुपए वसूले जा रहे थे।
राममेहर खुद को सरकारी अधिकारी बताकर नीली बत्ती वाली गाड़ी से घूमता था। अब उसके खिलाफ धारा 318(2) और 205 BNS के तहत केस दर्ज किया गया है।
कैसे खुली फर्जीवाड़े की पोल
27 अक्टूबर को स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि बस स्टैंड के पास एक बिल्डिंग में "समाधान ग्रामीण वेलफेयर एंड इम्प्लायमेंट सर्विस लिमिटेड (भारत सरकार)" के नाम से कार्यालय चल रहा है।
सूचना मिलने पर एएसआई संदीप कुमार और उनकी टीम ने मौके पर छापा मारा।
वहां चार महिला कर्मचारी मिलीं — गीता रानी, विनशा, सुनीता और रचना। उन्होंने बताया कि वे सभी यहीं कार्यरत हैं और कार्यालय का हेड राममेहर है।
पुलिस ने रजिस्ट्रेशन और अनुमति से संबंधित दस्तावेज मांगे, लेकिन कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
समाज कल्याण विभाग ने दी सफाई
4 नवंबर को जिला समाज कल्याण अधिकारी ने पुलिस को लिखित जवाब भेजा कि “समाधान ग्रामीण वेलफेयर एंड इम्प्लायमेंट सर्विस लिमिटेड” नाम की कोई संस्था विभाग में पंजीकृत नहीं है और उसका सरकारी योजनाओं से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद पुलिस ने इसे फर्जी संस्था मानते हुए केस दर्ज कर लिया।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि राममेहर खुद बहुत कम कार्यालय आता था। उसके सहयोगी के रूप में हिसार के नहला गांव का राहुल काम करता था। वहीं, यह जगह गोविंद नगर के विकास खट्टर ने एग्रीमेंट पर किराए पर दी थी।
कार्यालय में ग्रामीण महिलाओं को सीएससी सेंटर जैसी नौकरियों का लालच देकर रखा गया था, जो फॉर्म भरने का काम करती थीं।
कार्यालय सील, जांच जारी
फिलहाल कार्यालय को सील कर दिया गया है, बोलेरो गाड़ी पुलिस कब्जे में है और राममेहर की तलाश जारी है।
डीएसडब्ल्यूओ सत्यवान ढिलोड़ ने बताया, “हमें इस फर्जी कार्यालय की जानकारी पुलिस से मिली है। विभाग में इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। हमने अपनी ओर से जांच टीम बना दी है, जो मौके पर जाकर सत्यापन करेगी।”

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