शहडोल के 41 स्कूलों में दलदल और दुश्वारियों के बीच होगी पढ़ाई: इस साल भी नहीं बनी व्यवस्था

Shahdol M.P

शहडोल के 41 स्कूलों में दलदल और दुश्वारियों के बीच होगी पढ़ाई: इस साल भी नहीं बनी व्यवस्था

शहडोल मध्य प्रदेश:

जिले में 16 जून से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है, और शिक्षा विभाग ने स्कूलों को व्यवस्थित करने के लिए 1 से 15 जून तक का समय भी निर्धारित किया है। लेकिन, एक चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है, जिससे करीब 2024 छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। जिले के 41 विद्यालय ऐसे हैं, जहां आज भी पहुंच मार्ग की सुविधा नहीं है, जिसके चलते बारिश के दिनों में छात्रों को स्कूल तक पहुंचने के लिए दलदल और अन्य गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि सालों से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण अब तक इससे निजात नहीं मिल पाई है।

बारिश में बंद हो जाएगा इन स्कूलों का रास्ता

शिक्षा विभाग द्वारा किए गए एक सर्वे में भी यह बात सामने आई है कि अधिकांश स्कूलों के लिए न तो पुलिया है और न ही उचित रास्ता। सड़कें कच्ची होने के कारण बारिश में दलदल की स्थिति बन जाती है। कई स्कूलों तक पहुंचने के लिए बीच में नाले पड़ते हैं, जो बाढ़ के बाद आवागमन पूरी तरह से बंद कर देते हैं। कुछ विद्यालयों में तो छात्रों को निजी भूमि से होकर जाना पड़ता है, और बारिश के बाद खेती होने से यहां भी आवागमन में दिक्कतें आती हैं। छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर होते हैं।

सबसे ज्यादा समस्या इन क्षेत्रों में:

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 * सोहागपुर विकासखंड:

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   * प्राथमिक विद्यालय दुनावटोला बोडरी: 2 किमी. रास्ता नहीं है, जंगल और नाला होने के कारण बारिश में आवागमन बंद।

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   * प्राथमिक विद्यालय तुर्री से बैगान टोला: जंगल और पहाड़ के कारण सड़क नहीं, बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते।

   * प्राथमिक विद्यालय मड़वा: 200 मीटर सड़क, नाला और पुलिया निर्माण की आवश्यकता, बारिश में रास्ता बंद।

 * बुढ़ार विकासखंड:

   * प्राथमिक विद्यालय नवाटोला ग्राम पंचायत कुडेली: 5 किमी. सड़क नहीं, बीच में नाला होने से अभिभावक बच्चों को नहीं भेजते।

   * प्राथमिक विद्यालय धुम्माडोल: पथरीला और जंगल से घिरा मार्ग, धुम्माडोल से कोठीताल तक 8 किमी. रास्ता जर्जर।

 * गोहपारू विकासखंड:

   * प्राथमिक विद्यालय बोदर्रा टोला गोडारू: 4 किमी. कच्चा रास्ता, बारिश में दलदल की स्थिति। पैलवाह, सकरिया और हरर्हा टोला का भी यही हाल।

 * जयसिंहनगर विकासखंड:

   * प्राथमिक शाला सन्नौसी व रेउसा: 2 किमी. पक्की सड़क नहीं, आवागमन में समस्या।

विकासखंडवार पहुंच मार्ग विहीन स्कूलों की संख्या:

 * सोहागपुर: 9 विद्यालय

 * बुढ़ार: 5 विद्यालय

 * गोहपारू: 7 विद्यालय

 * जयसिंहनगर: 10 विद्यालय

 * ब्यौहारी: 10 विद्यालय

इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि जिन स्कूलों में सड़क की समस्या है, उन्हें छह महीने पहले ही चिन्हित कर प्रशासन को लिस्ट भेजी गई थी। डीएमएफ मद से पंचायतों को सड़क दुरुस्त कराने की बात भी कही गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन 2024 छात्रों को इस साल भी दलदल और दुश्वारियों के बीच ही अपनी पढ़ाई जारी रखनी पड़ेगी?

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