डाला में कचरे का बढ़ता ढेर ,क्रेशर के बाद अब अल्ट्राटेक के कचरे से लोगों का हुआ जीना मुहाल
डाला नगर पंचायत में कचरे का अंबार, लोगों ने लगाया अल्ट्राटेक प्रबंधन पर मनमानी का आरोप
डाला क्षेत्र में प्रदूषण की मार , पर्यायवरणविदों ने किया प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग
अजित सिंह (ब्यूरो रिपोर्ट)
सोनभद्र जिले के सम्मिलित क्षेत्र में स्थानीय निवास के लिए जीवन दिन-ब-दिन दुभर होता रहता है। एक तरफ जहां क्रेशर इकाइयों से अवैज्ञानिक तरीके से साइबेरिया स्थानीय आम जनमानस के लिए पहले ही क्षेत्र में वायु प्रदूषण का गंभीर स्तर पैदा हो चुका है, वहीं अब अल्ट्राटेक जैसी निजी कंपनियों द्वारा अवैज्ञानिक तरीकों से नई समस्या बन गई है
इस कचरे से निकलने वाली दुर्गंध के साथ-साथ इसमें मौजूद रासायनिक तत्व भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। मच्छरों और अन्य जलजनित उत्पादों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे मच्छरों, मच्छरों और अन्य जलजनित उत्पादों का खतरा बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इस समस्या पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो क्षेत्र में गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष रूप से बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
आम जनमानस में डाली गई इस स्थिति को लेकर भारी समस्या है। उनका कहना है कि वे पहले ही प्रदूषण की मार झेल रहे थे, अब गरीबों की समस्या ने उन्हें बीमार करने की पूरी तैयारी कर ली है। स्थानीय जनजाति प्रशासन और बार-बार जनजाति नियोजन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू कर देंगे।
स्थानीय लोगों एवं पर्यावरण से संबंधित समस्या पर सोनभद्र जिला प्रशासन एवं संबंधित एजेंसियों से अपील है कि वे इस गंभीर पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्या पर तत्काल ध्यान दें। साइंटिफिक तरीकों से किए जाने वाले रसायनों को नियंत्रित करने के प्रभावी उपाय। सम्मिलित सामग्री को स्वच्छ वातावरण में जीने का अधिकार है, और इस अधिकार का हनन नहीं किया जाना चाहिए।

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