योग प्रशिक्षक तैयार करने के संकल्प के साथ विशेष कक्षा का शुभारंभ
योग मात्र शरीरिक गतिविधि नहीं है बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है- आनंद पटेल दयालु
गाँधी मैदान में विशेष कक्षा में कुमारी अर्पिता पांडेय ने प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया।
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
ओबरा (गांधी मैदान) / सोनभद्र
राष्ट्रीय नवनिर्माण योग सेना ने आज गांधी मैदान, ओबरा में एक विशेष योग कक्षा का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य कुशल योग प्रशिक्षकों को तैयार करना है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय नवनिर्माण सेना ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द पटेल "दयालु" ने की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय योग संरक्षक धनराज सिंह और राष्ट्रीय योग गुरु झल्लन शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस विशेष कक्षा में कुमारी अर्पिता पांडे ने प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया। उल्लेखनीय है कि कुमारी अर्पिता पिछले तीन महीनों से लगातार योग का प्रशिक्षण ले रही हैं और इस कक्षा के माध्यम से उन्हें योग सिखाने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ।प्रशिक्षण सत्र के दौरान, मुख्य अतिथियों ने प्रतिभागियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया और उनकी तकनीकों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने प्रशिक्षकों को सशक्त बनाने की दिशा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय योग सेना के राष्ट्रीय सलाहकार लाल बहादुर यादव, विनोद चौहान, रामबाबू सोनकर, कुमारी महिमा, कुमारी हर्षिता पांडे, कुमारी स्नेहा गर्ग, कुमारी गुनगुन और कुमारी मनीषा समेत कई अन्य प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मुख्य अतिथि धनराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि योग स्वास्थ्य, अनुशासन और एक संतुलित जीवन शैली का आधार है। उन्होंने प्रशिक्षक बनने की दिशा में उठाए गए इस कदम को समाज के सभी वर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।
दूसरे मुख्य अतिथि झल्लन शर्मा ने कहा कि योग केवल स्वयं के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि योग प्रशिक्षकों का निर्माण सामाजिक परिवर्तन की नींव रखेगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष आनन्द पटेल "दयालु" ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि योग मात्र एक शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने राष्ट्रीय नवनिर्माण योग सेना के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका संगठन प्रत्येक गांव और गली तक प्रशिक्षित योग गुरुओं को पहुंचाना चाहता है, ताकि भारत एक बार फिर विश्वगुरु के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सके।राष्ट्रीय नवनिर्माण योग सेना का यह दृढ़ संकल्प है कि योग को जन-जन तक पहुंचाकर आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य के नए प्रतिमान स्थापित किए जाएं।
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