नगरपंचायत ज्ञानपुर के इलाकों में जलजमाव बड़ी चुनौती ।

दुर्गागंज तिराहे की स्थिती आज भी नारकीय । ए •के• फारूखी (रिपोर्टर ) ज्ञानपुर,भदोही । पिछले दिनों हुई मानसूनी बारिश के बाद से इलाकों में बारिश थम गई है। अब यहां नगर पंचायत प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती जल जमाव गंदगी से होने वाले संक्रामक रोग हो इस पर काम करना है। बताते चलें

दुर्गागंज तिराहे की स्थिती आज भी नारकीय ।

ए •के• फारूखी (रिपोर्टर )

ज्ञानपुर,भदोही ।

पिछले दिनों हुई मानसूनी बारिश के बाद से इलाकों में बारिश थम गई है। अब यहां नगर पंचायत प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती जल जमाव गंदगी से होने वाले संक्रामक रोग हो इस पर काम करना है।

बताते चलें कि नगर पंचायत ज्ञानपुर में दो बार चेयरमैन निर्वाचित चेयरमैन हीरालाल मौर्य ने दुर्गागंज तिराहे पर जरा सी भी हुई बरसात से घुटनों तक जमा होने वाले जलजमाव को दूर करने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है।

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लगातार हुई मूसलाधार बारिश के बाद नगर पंचायत क्षेत्र और आसपास के इलाकों में जगह-जगह हुए जलजमाव गंदगी के चलते संक्रामक रोगों की आशंका बढ़ गई है। इसके बावजूद न तो जल निकासी की व्यवस्था है, न साफ-सफाई की और न ही फागिंग का भी कहीं पता नहीं है।

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नगर पंचायत क्षेत्र में जहां पानी निकलने की व्यवस्था थी, वहां बारिश का पानी तो धीरे-धीरे निकल गया। दूसरे दिन हुई धूप में वहां हालात काफी हद तक सामान्य भी हो गए। असली मुश्किल उन इलाकों में हैं जहां पानी निकलने के इंतजाम नहीं हैं।

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इन इलाकों में बरसात के पानी के साथ आसपास की गंदगी भी इकट्ठा हो गई है। कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां के हैंडपंप में बरसात का पानी घुस गए हैं। अभी भी नगर पंचायत के अधिकतर निवासी पीने के पानी के लिए इन्हीं हैंडपंप के भरोसे हैं।

लिहाजा उनको दूषित जल से होने वाली बीमारियों का खतरा है।जल जमाव के बाद विभिन्न वार्डों में जगह-जगह तेजी सेमच्छर पनपेंगे। क्षेत्र के लोगों को मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियां होंगी। चिकित्सकों ने लोगों को यह बरतें सावधानियां बरतने को कहा है।

बताया है कि वाटरप्यूरीफायर या उबले हुए पानी का इस्तेमाल करें। पानी में क्लोरीन की गोलियां डालने के बाद छान कर पीएं।इसके अलावा गंदे पानी या कीचड़ से यदि गुजरना पड़े तो अच्छी तरह पैर धो लें।

मच्छरों से बचने के लिए घर के आसपास सफाई रखें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शासन से बजट और फरमान जारी होने के बावजूद कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है न ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है।

इसके बावजूद नगर पंचायत के जिम्मेदार लोग इस विभाग बचाव के उपाय करने के बजाय मूकदर्शक बना हुआ है। तो फागिंग की व्यवस्था है ही सफाई की। न तो कहीं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है और न तो ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के तहत क्लोरीन की गोलियां ही बांटी जा रही हैं।

चिकित्सकों की माने तो बचाव के उपाय जल्द नहीं होने से संक्रामक रोगों का खतरा हो सकता है। चिकित्सक बताते हैं कि जहां जल जमाव है वहां का पानी रिसकर जमीन के अंदर जाकर भूजल को दूषित करता है।

यही पानी कम गहराई तक गड़े हैंडपंपों बोरिंग के रास्ते बाहर आकर लोगों में गंभीर जलजनित बीमारियों की वजह बनता है। खासतौर पर हैंडपंप का पानी इस्तेमाल करने वाले घरों के लोगों, छोटे होटलों या ढाबों में ऐसे जल का इस्तेमाल अधिक होता है।

इससे गैस्ट्रोइंट्राइटिस, डायरिया, टायफायड, पीलिया के साथ ही जलजनित इंसेफेलाइटिस का खतरा हो सकता है। साथ ही गंदगी से डायरिया हाेने की आशंका बढ़ गई है।

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