ऐतिहासिक धरोहर ज्ञानसरोवर को संरंक्षण की दरकार, टूटकर बिखर रही हैं सीढियां ।

ऐतिहासिक धरोहर ज्ञानसरोवर को संरंक्षण की दरकार, टूटकर बिखर रही हैं सीढियां । ए• के• फारूखी (रिपोर्टर) भदोही। उत्तर-प्रदेश में भदोही जनपद अंतर्गत प्राचीन काल से ज्ञानपुर नगर की शान रही ऐतिहासिक ज्ञान सरोवर तालाब की सीढ़ियां आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। देखभाल व संरक्षण के अभाव में ज्ञान सरोवर तालाब

ऐतिहासिक धरोहर ज्ञानसरोवर को संरंक्षण की दरकार, टूटकर बिखर रही हैं सीढियां ।

ए• के• फारूखी (रिपोर्टर)

भदोही।

उत्तर-प्रदेश में भदोही जनपद अंतर्गत प्राचीन काल से ज्ञानपुर नगर की शान रही ऐतिहासिक ज्ञान सरोवर तालाब की सीढ़ियां आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। देखभाल व संरक्षण के अभाव में ज्ञान सरोवर तालाब के चारों तरफ बनी ऐतिहासिक व कलात्मक धरोहर उचित देखरेख व संरक्षण के अभाव में जर्जर होकर पूरी तरह से धराशाई होने का खतरा मंडरा रहा है ।

ऐसे में ज्ञान सरोवर पर न केवल अपनी आभा खो रहा है बल्कि जर्जर अवस्था में होने से कभी भी हादसा घटित हो सकता है।खण्डहर के रूप में तब्दील हो रहे ज्ञान सरोवर तालाब को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। तेज बारिश के चलते कभी भी तालाब की सभी सीढ़ियां धराशाई हो सकती हैं । वर्तमान में इस ऐतिहासिक धरोहर के मरम्मत की दरकार है।

तालाब में चढ़ने उतरने वाली सभी सीढ़ियां चारों तरफ पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं।नगर के चेयरमैन हीरालाल मौर्य के प्रयास से इस तालाब के सुंदरीकरण का कार्य जोर-शोर से शुरू किया गया था। जिसमें तेजी दिखाते हुए नगर पंचायत के नागरिकों सहित ग्रामीण व आम संभ्रांतजनों ने गंदगी निकासी के कार्यों में सहयोग किया था। तालाब के सुंदरीकरण के लिए चारों ओर छह फीट ऊंची बाउन्ड्री का निर्माण कर उसमें लोहे की ग्रील लगा दी गई है।

वहीं तालाब में गंदे पानी को निकलवा कर उसकी साफ सफाई कराते हुए स्वच्छ जल भरवाया गया था । लेकिन उसके प्राचीन सीढिय़ों की मरम्मत सुर्खी व चूने से होने की वजह से आज भी टूट टूट कर बिखर रही है । लेकिन नगर पंचायत की ओर से इसका कोई हल निकल पाना, इसके सुंदरीकरण का कार्य अधर में ही लटका दिखाई दे रहा है। वर्तमान में इस ऐतिहासिक धरोहर को मरम्मत की दरकार है।सीढियों का प्लास्टर चौतरफा टूट रहा है ।

तालाब में चढ़ने उतरने वाली सभी सीढ़ियां चारों तरफ से जर्जर हो चुकी हैं । बता दें कि आगामी समय में जर्जर सीढिय़ों की मरम्मत नहीं हुई तो एक धरोहर को नुकसान पहुंचने का अंदेशा जताया जा रहा है।यही नहीं दिनभर लोग दो पल सकून पाने के लिए इन सीढिय़ों पर बैठकर विश्राम करते हैं।इस जीर्णशीर्ण धरोहर की मरम्मत होनी चाहिए । ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर की पहचान बनी रह सके।

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