अपात्रों द्वारा लिये जा रहे राशन की होगी रिकवरी-डीएसओ ।

अपात्रों द्वारा लिये जा रहे राशन की होगी रिकवरी-डीएसओ ।

अपात्रों द्वारा लिये जा रहे राशन की होगी रिकवरी-डीएसओ । संतोष तिवारी( रिपोर्टर ) भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे इस समय जिला आपूर्ति विभाग हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। जहा लोग कोटेदारों के साथ – साथ विभाग को भी सवालों के घेरे में रखे है। सरकार गरीबों को सस्ते दर

अपात्रों द्वारा लिये जा रहे राशन की होगी रिकवरी-डीएसओ ।

संतोष तिवारी( रिपोर्टर )

भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे इस समय जिला आपूर्ति विभाग हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। जहा लोग कोटेदारों के साथ – साथ विभाग को भी सवालों के घेरे में रखे है। सरकार गरीबों को सस्ते दर पर गेहूं चावल उपलब्ध कराकर गरीब और पात्र लोगों को सहूलियत देने के लिए प्रतिबद्ध है । वही कोटेदारों के मनमानी खेल रोज देखने को मिल रहा है। इसकी मुख्य वजह है विभाग की लापरवाही व मिलीभगत। विभाग भले ही निगरानी करके पात्रों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बना है लेकिन यह केवल सफेद झूठ है। विभाग के लोग वही करते है जो कोटेदार कहते है। और कोटेदार वही करते है जो उनके लिए खास होता है। आम जनता चिल्लाकर रख दे लेकिन विभाग और कोटेदारों की मिलीभगत से कुछ नही होता है। जब शिकायत बडे स्तर पर होती है और विभाग खुद अपने को फंसता नजर आता है तभी दौड धूप करना शुरू होता है। कोटेदार और विभाग खुले रूप से सरकार को और जनता को बेवकूफ बनाते है। जिसकी सच्चाई जिले के सभी गांवों में देखने को मिल रही है। कही- कही तो कोटेदार दबंगई पर भी उतर आते है । इसकी वजह यह है कि विभाग का और जिले के ही किसी नेता का वरदहस्त रहता है। जिससे गरीबों के हक को मारने वाला वह कोटेदार गरीबों के साथ गलत व्यवहार करता है। विभाग के अधिकारियों का एक रटा रटाया बयान हर जगह आता है। कि जांच कराई जायेगी जो गलत होगा उस पर कार्यवाही होगी। लेकिन यह केवल बहाना है। बहुत से मामलों में जांच होती है। और कार्यवाही के नाम पर होती है लीपापोती। जिले में कोटेदारों द्वारा की जा रही है मनमानी और जनता की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर जिलापूर्ति अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि जो समस्याएं आ रही है उसमें वजह यही है कि यदि पिता कही नौकरी, व्यवसाय, खेती , मकान अच्छा, है तो पुत्र कहता है की मेरा मेरे पिता से कोई वास्ता नही मेरी स्थिति अच्छी नही मेरा राशन कार्ड बन जाये । और पुत्र की स्थिति अच्छी होने पर पिता या अन्य सदस्य सोचते है कि मेरा राशन कार्ड बन जाये। क्योंकि ओ कहते है की पुत्र से मेरा कोई मतलब नही ।यही वजह है कि अपात्र और पात्र का मामला आता है। कहा कि इसके लिए विभाग बना है जो लगातार गाइडलाइन बनती रहती है। और यह एक अनवरत प्रक्रिया है लगातार अपात्रों का राशन कार्ड काटा जाता है और पात्रों का राशन कार्ड बनाया जाता है। जिलापूर्ति अधिकारी ने कहा कि यदि कोई अपात्र योजना का दुरूपयोग करके लाभ ले रहा है तो ऐसी चीजे सुधारी जानी चाहिए। कहा अपात्रों से रिकवरी की भी स्थिति बन सकती है। इसीलिए अपात्र लोग स्वयं अपना कार्ड निरस्त करायें।’ अब यहां सवाल बनता है कि आखिर कैसे यह पता चले कि पात्र कौन है या अपात्र कौन? विभाग के लोग तो वही सूची फिर आगे बढा देंगे जो कोटेदार कहेंगे। भदोही जिले के जिला आपूर्ति अधिकारी से भदोही के भाजपा जिलाध्यक्ष विनय कुमार श्रीवास्तव ने मिलकर राशन वितरण किसी भी तरह की लापरवाही न हो इस पर चर्चा की थी। और साथ में यह भी कहा गया था कि सभी कोटेदार हर ग्रामसभा के कम से कम पांच व्यक्तियों को वह सूची उपलब्ध करायेगे जिससे वे राशन बांट रहे है। उस सूची में श्रमिक और मजदूर शामिल होंगे जिनको नि:शुल्क राशन देना है। लेकिन कोटेदारों ने शायद ही कही ऐसा किये हो। और अपने ही पुराने ढर्रे पर कार्य कर रहे है और विभाग के लोग लिखित शिकायत का इंतजार कर रहे है।

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