जब तक कोरोना वायरस देश से समाप्त नही होगा तब दाढी नही बनायेंगे गायक जिला द्विवेदी।

जब तक कोरोना वायरस देश से समाप्त नही होगा तब दाढी नही बनायेंगे गायक जिला द्विवेदी।

जब तक कोरोना वायरस देश से समाप्त नही होगा तब दाढी नही बनायेंगे गायक जिला द्विवेदी। अनिल कुमार (रिपोर्टर ) देश में जिस तरह कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और इस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार एकदम कमर कस कर तैयार है। और लोगों सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए लाॅक डाऊन

जब तक कोरोना वायरस देश से समाप्त नही होगा तब दाढी नही बनायेंगे गायक जिला द्विवेदी।

अनिल कुमार (रिपोर्टर )

देश में जिस तरह कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और इस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार एकदम कमर कस कर तैयार है। और लोगों सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए लाॅक डाऊन की घोषणा की गई है। जिससे लोग बाहर न निकले और अपने घरों मे ही रहे। और इसके लिए देश के नेता, अधिकारी, चिकित्सक, समाजसेवी और पत्रकार लोगों को जागरूक करने और यथासंभव सहयोग में लगे है। लेकिन इसी बीच भदोही जिले के एक गायक ने कोरोना वायरस के खिलाफ ऐसी प्रतिज्ञा की है कि लोग सुनकर अचंभित है।
मालूम हो कि जिले के कोनिया क्षेत्र के प्रसिद्ध अवधी और भोजपुरी भजन व गीत गायक 43 वर्षीय जिला द्विवेदी ने शनिवार को प्रतिज्ञा की कि जब तक देश से कोरोना वायरस समाप्त नही होगा वे अपनी दाढी नही बनवायेंगे। इस बात की जानकारी होते ही चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। जिला द्विवेदी बेलवरिया गायक रामतवंकल द्विवेदी के पौत्र और महानारायण द्विवेदी के पांचवें पुत्र है। जिला द्विवेदी की शिक्षा श्रीनारायण इण्टर कालेज धनतुलसी में हुई है। जिला द्विवेदी करीब 15 वर्षों से गायकी के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे है। और लगभग चार सौ से अधिक भक्ति, देशभक्ति, सामाजिक गीतों को गा चुके है। इसके लिए कई बार उनको विभिन्न संगठनों और लोगों से सम्मानित किया जा चुका है। जिला द्विवेदी देश के कई धार्मिक स्थलों पर अपने गीतों का जलवा बिखेर कर लोगों का दिल जीत चुके है। 2014 में जिला द्विवेदी ने एक गीत ‘” हिन्दुस्तान के शान के खातिर कुछ ऐसा कर जाइब हो….” के माध्यम से देश विदेश में सुर्खियों में रहे और यह उनका गीत काफी प्रसिद्ध हुआ। और अब जब पूरा देश कोरोना की चपेट में है तब भी लोगों को जागरूक करने के लिए एक ऐसी प्रतिज्ञा की है जो सच में चर्चा का विषय है। जिला द्विवेदी ने बताया कि यह मेरा फैसला नाम कमाने के लिए नही है बल्कि लोगों को संदेश देने और जागरूक करने के लिए है। कि भले ही हम अलग जाति, धर्म और सम्प्रदाय को मानते है लेकिन देशहित में एकजुट होते है। कहा कि जब देश रहेगा तो समाज रहेगा, जब समाज रहेगा तो परिवार, जब परिवार रहेगा तो व्यक्ति। इसलिए देश को बचाने के लिए सभी को जागरूक होने और सरकार के दिशा निर्देश को मानने की बहुत जरूरत है।

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