भदोही जिले का एक ऐसा ग्राम प्रधान जिसे “देशहित” के लिए नही है “कुर्सी” की परवाह।

भदोही जिले का एक ऐसा ग्राम प्रधान जिसे “देशहित” के लिए नही है “कुर्सी” की परवाह।

भदोही जिले का एक ऐसा ग्राम प्रधान जिसे “देशहित” के लिए नही है “कुर्सी” की परवाह। संतोष तिवारी (रिपोर्टर ) भदोही। सरकार आज कोरोना जैसे वायरस की महामारी को लडने के लिए पुरे देश को लाॅकडाऊन करके लोगों को बाहर निकलने पर पूर्णतः रोक लगा दी है। और शासन प्रशासन के लोग दिन रात एक

भदोही जिले का एक ऐसा ग्राम प्रधान जिसे “देशहित” के लिए नही है “कुर्सी” की परवाह।

संतोष तिवारी (रिपोर्टर )

भदोही। सरकार आज कोरोना जैसे वायरस की महामारी को लडने के लिए पुरे देश को लाॅकडाऊन करके लोगों को बाहर निकलने पर पूर्णतः रोक लगा दी है। और शासन प्रशासन के लोग दिन रात एक करके बचाब के लिए मेहनत कर रहे है। और लोगों को जागरूक कर रहे है। सरकार के इस मंशा को कामयाब बनाने में अधिकारी, डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, पत्रकार, समाजसेवी और जन प्रतिनिधि लगे है। और भारत को कोरोना वायरस से मुक्त करने के लिए कमर कस कर तैयार है। जबकि कुछ गद्दार किस्म के लोगों पर सरकार की बातों का जैसे कोई असर नही दिख रहा है। वे वही कर रहे है जो उनको मन हो रहा है। भदोही जिले की बात की जाये तो यहां इस समय भी लोग राजनीति करने से बाज नही आ रहे है। सरकार के द्वारा मनरेगा मजदूरों और श्रमिकों को 1000 रूपये की बात सुनने के बाद ग्रामप्रधान लोगों का फार्म भराने में लगे है और वही गांव की बजबजाती नालियों, गड्ढों में लगा पानी, सडकों पर उगी घासें, ग्राम सभा में गदंगी के आलम पर नजर नही पड रही है। जबकि सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर गांवों में साफ सफाई व छिडकाव करने की बात कही है। और गांव के सार्वजनिक स्थलों पर हाथ धोने के लिए साबुन पानी की व्यवस्था का आदेश दिया है। लेकिन किसी को कोई फर्क नही पडता है। साफ सफाई से ज्यादा ग्राम प्रधानों को लाभ दिलाने का फार्म भरना ज्यादा जरूरी लग रहा है। शायद प्रधानों को पता नही है कि यदि कोरोना का प्रभाव उनके गांव में फैला तो सरकार की जो धनराशि मिलेगी वह केवत खाते में ही रह जायेगी। इसीलिए खाता सुरक्षित करने के पहले खाताधारक को सुरक्षित करना चाहिए। लेकिन ग्राम प्रधानों को देशहित बाद में अपना हित पहले जरूरी है। क्योकि जब फार्म भरवा कर लाभ दिला देंगे तो आगामी ग्राम प्रधानी के चुनाव में वोट लेने के लिए काफी सहायता मिलेगी। जिले में कुछ प्रधानों को छोड दिया जाये तो अधिकतर ग्राम प्रधान सरकार की नियम की धज्जियां उडाने से बाज नही आते है। लेकिन इसी जिले में चाहे औराई ब्लाक के कैयरमऊ के ग्रामप्रधान हो या अभोली ब्लाक नीबी के ग्राम प्रधान इन ग्राम प्रधानों के कार्यों की सराहना जितनी की जाये उतनी कम है। जहां कैयरमऊ के ग्राम प्रधान ने लोगों को नि:शुल्क मास्क वितरण किया, छिडकाव कराया, और गरीबों को भोजन की व्यवस्था को तैयार है वही दूसरी तरफ अभोली ब्लाक के नीबी गांव के ग्राम प्रधान की तो बात निराली है। ग्राम प्रधान शुरेश बिन्द ने अपने ग्रामसभा के लोगों से लिखित रूप से सूचित कर दिया है कि लाॅक डाऊन का पूर्ण पालन करें और किसी भी कीमत पर घर से बाहर न निकले जिनको जिस चीज की कमी होगी सूचित करें वह सामग्री उनके घर पहुंचाई जायेगी लेकिन लाॅकडाऊन का पालन न करने वाले पर वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी। ग्राम प्रधान ने यह हिम्मत भरी घोषणा करके अपने कुर्सी के आगे देशहित करके एक मिशाल पेश की है। ग्राम प्रधान के सहयोग में नीबी के कोटेदार मनोजा देवी भी साथ है। काश! इसी तरह की विचारधारा जिले के और ग्राम प्रधानों में होती जो अपनेशकुर्सी की जगह देशहित को पहली प्राथमिकता देते। नीबी के ग्राम प्रधान शुरेश कुमार बिन्द के इस फैसले की चर्चा खूब हो रही है।

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