
जेल जाने का डर था,लेकिन पुलिस हर जगह मित्र बनी
दिल्ली से ठेली पर परिवार को लेकर कानपुर देहात के झींझक जाता मुकेश औरैया:- बिना थके दिल्ली से ठेली पर परिवार को लेकर कानपुर देहात के झींझक जाता मुकेश। लॉकडाउन के बाद घर की चिता ले आई। गांव में गेहूं भी कटना है। मौसम की मार के कारण काम बंद होने का साथ गेहूं की
दिल्ली से ठेली पर परिवार को लेकर कानपुर देहात के झींझक जाता मुकेश
औरैया:- बिना थके दिल्ली से ठेली पर परिवार को लेकर कानपुर देहात के झींझक जाता मुकेश। लॉकडाउन के बाद घर की चिता ले आई। गांव में गेहूं भी कटना है। मौसम की मार के कारण काम बंद होने का साथ गेहूं की फसल भी बर्बाद न हो जाए तो 400 किलोमीटर की दूरी बिना थके तीन दिन में पूरी कर लाया। बताया कि अगर घर नहीं पहुंचूंगा तो फसल बर्बाद हो जाएगी और घर की चिता भी लगी है। जमा पूंजी भी नहीं कि दिल्ली में रहकर गुजार भी लूं जो थी वह होली में घर में दे आया था।
रास्ते भर यह लगे कि पुलिस न पकड़ ले, लेकिन कई जगह पुलिस ने खाना भी खिलाया। कानपुर देहात के झींझक के जगदीशपुर गांव के मुकेश दिल्ली में रहकर ठेली चलाता था। मजदूरी करके जीवन यापन करता है। उसके साथ पत्नी पिकी देवी, बच्चे अंजली, सोमिल और भाई रामू दिल्ली में रहते है। घर में बूढ़े मां बाप है। लॉकडाउन के बाद वह इसी ठेली से परिवार को लेकर निकल पड़ा। मुकेश कहते हैं कि गुरूवार को दिल्ली के बुराडी से निकल पड़े। जिसके बाद कहीं नहीं ठहरे अलीगढ़ में मेडिकल चेकअप कराया गया।
शनिवार को इटावा और आज रविवार को घर पहुंचेंगे। बताया कि मौसम भी खराब हुआ तो गेहूं कैसे कटेंगे। माता पिता की चिता सता रही थी। इसलिए वह फिर घर के लिए निकल पड़े। जमा पूंजी भी इतनी नहीं कि वह गुजारा कर सके जो जमा पूंजी थी वह होली के त्यौहार पर घर दे गया था। बताया दिल्ली में तो कोरोना को लेकर बहुत दहशत है और जगह जगह लग रहा था कि घर जाने पर जेल में डाल दिए जाएंगे लेकिन वह हिम्मत कर आ गए।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel
खबरें
शिक्षा

Comment List