सुख हो या दुख हो हर पल हैं हम देश के साथ

सुख हो या दुख हो हर पल हैं हम देश के साथ

लखनऊ /जहां एक तरफ कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा कर रखी हुई है वहीं पर लोगों की परेशानी के बीच तमाम संगठन समाजसेवी एनजीओ व्यापारी भी शासन और प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। और लगातार इस मुश्किल क्षण में देश प्रदेश जिला या क्षेत्र स्तर पर किसी भी

लखनऊ /जहां एक तरफ कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा कर रखी हुई है वहीं पर लोगों की परेशानी के बीच तमाम संगठन समाजसेवी एनजीओ व्यापारी भी शासन और प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। और लगातार इस मुश्किल क्षण में देश प्रदेश जिला या क्षेत्र स्तर पर किसी भी तरीके की मदद करने से कदम पीछे नहीं हटा रहे,,यदि हम बात करें प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस की तो हर कदम पर जहां पुलिस गरीबों को भोजन वितरण से लेकर उनके घरों तक पहुंचाने मैं उनकी मदद करने का कार्य कर रही है,तो वहीं पर व्यापारी वर्ग भी इन कामों में प्रशासन से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है ,चाहे वह टाटा समूह हो, अंबानी समूह हो, या महिंद्रा समूह, आज हमारे देश में ऊपर से लेकर नीचे तक हर तरह के व्यापारी वैश्विक महामारी के घने अंधेरे के बीच में रोशनी बनकर रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं।

 और व्यापारियों द्वारा हर संभव मदद करने की कवायद जारी है।राजधानी के चिनहट क्षेत्र के कुछ व्यापारियों ने हर स्तर से लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने प्रतिदिन भोजन के साथ साथ घरों के लिए जरूरी आटा दाल चावल मसाला तेल इत्यादि  उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की है। साथ ही साथ चिनहट क्षेत्र के ही स्वयंसेवी संगठन भी बढ़-चढ़कर इस कठिन समय के पुनीत कार्य में हिस्सा ले रहे हैं।

 स्वयंसेवक संघ के लोगों ने भी घर घर जाकर गरीबों की झुग्गी झोपड़ियों में जाकर हर संभव मदद की है और लगातार कर रहे हैं ।तमाम सरकारी नौकरियों से जुड़े लोग भी इस कठिन समय में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। और वह अपने देश प्रदेश जिला या क्षेत्र स्तर पर जो उनकी पहुंच में है वह मदद मुहैया कराने में पीछे नहीं हट रहे हैं।डॉक्टरों का स्थान इसमें पहला है जो हमेशा से ही भगवान का रूप माने जा रहे हैं इस धरती पर संक्रामक बीमारियों से लेकर किसी भी तरीके की बीमारी का इलाज ऊपर वाले ने अपने दूसरे स्वरूप डॉक्टर को यह जिम्मेदारी के रूप में सौंपा है।और धरती के भगवान हर संभव अपनी कोशिश में  निरंतर जुटे हुए हैं ।

स्वतंत्र प्रभात के माध्यम से समाजसेवी एवं व्यापारी रामेंद्र चौधरी ने उत्तर प्रदेश शासन से अपनी पीड़ा व्यक्त की।सरकार ने राशन पानी छूट में रखा,कोई भुका ना रहे,छोटे बच्चे जो कंपनी का मिल्क पीते,और कोई मिल्क मुंह में नहीं लगाते,नेस्ले का मिल्क पाउडर चिनहट एरिया में बिल्कुल नहीं बच्चे बिलख रहे, भूख के लिए,एजेंसी मालिक से बात की 10दिन से अपने मिल्क सप्लाई नहीं किया,क्या कारण,तो वो बोले हमको पास नहीं मिल रहा,तो हम मजबूर है,मेरे पास स्टॉक बहुत, संबंधित अधिकारियों से जब बात की गई तो उन्होंने ये कह के मना किया की आप प्रेशर मत बनाए,पहले आटा चावल जरूरी ,मिल्क को बाद में देखेंगे,है किसी के पास जवाब नवजात बच्चो को मिल्क जरूरी या नहीं।

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