गेहूं की उत्तम पैदावार में खरपतवार प्रबंधन आवश्यक: कृषि विज्ञान केंद्र

गेहूं की उत्तम पैदावार में खरपतवार प्रबंधन आवश्यक: कृषि विज्ञान केंद्र

गेहूं की उत्तम पैदावार में खरपतवार प्रबंधन आवश्यक: कृषि विज्ञान केंद्र


स्वतंत्र प्रभात
भीटी अम्बेडकरनगर।

 कृषि विज्ञान केंद्र पांती के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप कुमार ने गेहूं की फसल में खरपतवार ओं से बचाव हेतु सुरक्षात्मक छिड़काव की जानकारी देते हुए बताया कि बुवाई के उपरांत 25 से 30 दिन अवस्था पर प्रतियोगी खरपतवार ओं को नियंत्रण करना अत्यावश्यक प्रक्रिया है। अवांछित उगे हुए पौधे मुख्य फसल-गेहूं का पोषण खाकर उपज हनी के लिए जिम्मेदार होते हैं। गेहूं की फसल में संकरी पत्ती वाले खरपतवार गेहूं सा व जंगली जई उगते है जबकि चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार बथुआ, कृष्ण नील, सेन्जी, हिरनखुरी, जंगली मटर, प्याजी, खरतुआ सत्यानाशी, चटरी-मटरी, अकरा-अकरी आदि भी उगते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र के परीक्षण परिणाम के आधार पर एक वैज्ञानिक सुझाव के अनुसार खरपतवार ओं के नियंत्रण हेतु उपयुक्त उपलब्ध खरपतवार नाशी रसायन को संस्तुति के अनुसार समय पर ही छिड़काव करना चाहिए। खरपतवार ओं की उम्र बढ़ने पर उनमें रेशा की मात्रा बढ़ती जाती है और रसायन दवा कारगर नहीं होती जबकि अच्छे परिणाम के लिए छिड़काव हमेशा ओस हटने के बाद करें। छिड़काव कार्य भी आगे से पीछे की ओर क्रमबद्ध करना चाहिए ताकि छिड़काव झिल्ली ना टूटने पाए। इसका अर्थ है कि छिड़काव के बाद पुनः छिड़काव स्थल पर पैर नहीं रखना चाहिए।

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संकरी पत्ती युक्त गेहूं सा व जंगली जई खरपतवारओं के नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फयूरान 75% घुलनशील रबे@33 ग्राम (2.5 यूनिट प्रति हेक्टेयर) को 250 से 300 लीटर पानी अथवा क्लोडिनोफॉप प्रॉपैरजिल 15% घुलनशील चूरन@400 ग्राम प्रति हेक्टेयर या फिनोक्साप्राप-पी इथाइल@10% सांद्र@1 लीटर प्रति हेक्टेयर 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 25 से 30 दिन बाद पहली सिंचाई/वर्षा उपरांत फ्लैट फैन नाजिल युक्त स्प्रेयर से छिड़काव करना चाहिए।

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चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार ओं के नियंत्रण के अंतर्गत मेटसल्फ्यूरान 20% घु.चू. @20 ग्राम प्रति हेक्टेयर अथवा कार्फेन्ट्राजान इथाइल 40% डी ० एफ०@50 ग्राम प्रति हेक्टेयर को 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर बुवाई के 25 से 30 दिन बाद छिड़काव करना चाहिए यदि संकरी व चौड़ी पत्ती युक्त दोनों तरह के खरपतवार ओं के एक साथ नियंत्रण की जरूरत हो तो मिश्रित दवाओं का प्रयोग अपेक्षित है सल्फोसल्फयूरान 75% घुलनशील रबे + मेटसल्फयूरान मिथाइल 5WG@2.5 यूनिट प्रति हेक्टेयर की दर से ढाई सौ से 300 लीटर पानी अथवा क्लोडिनोफाप प्रोपैरजिल 15% घु०चू०+ मेटसल्फयूरान 1% घुलनशील चूर्ण@400 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से साबुन घोल सहित 375 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

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