Railways Interesting Facts: रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखा होता है 'समुद्र तल से ऊंचाई', ये है बड़ी वजह
Railways Interesting Facts: भारतीय रेलवे आज विश्व के सबसे बड़े और उन्नत रेल नेटवर्क में से एक है। 24 घंटे में करोड़ों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के साथ रेलवे लगातार नई सुविधाएं जोड़ रहा है, ताकि सफर और भी आरामदायक हो सके। ट्रेन से यात्रा करते समय यात्रियों के मन में अनेक सवाल उठते हैं। इनमें से एक आम प्रश्न है— रेलवे स्टेशन के पीले बोर्ड पर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ क्यों लिखी होती है? लगभग हर यात्री इस बोर्ड को देखकर इसका कारण जानने की कोशिश करता है।
रेलवे स्टेशन के बोर्ड पीले रंग के ही क्यों होते हैं?
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पीला रंग दूर से आसानी से दिखाई देता है, चाहे मौसम साफ हो या कोहरा छाया हो।
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खराब मौसम, बारिश या अंधेरे में भी पीला रंग लाल या अन्य रंगों की तुलना में अधिक स्पष्ट दिखता है।
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पीले बैकग्राउंड पर लिखे काले अक्षर बहुत साफ दिखाई देते हैं, जिससे लोको पायलट को स्टेशन की पहचान करने में सुविधा होती है।
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पीला रंग चेतावनी का भी संकेत देता है, ठीक वैसे ही जैसे ट्रैफिक लाइट में पीली बत्ती। यह लोको पायलट को सतर्क रहने और ट्रैन की गति को नियंत्रित करने का संकेत देता है।
इसी वजह से रेलवे स्टेशन के बोर्ड लगभग हमेशा पीले रंग में ही दिखाई देते हैं।
स्टेशन के बोर्ड पर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ क्यों लिखी जाती है?
ixigo की जानकारी के अनुसार स्टेशन के बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखने के पीछे कई ऐतिहासिक और तकनीकी कारण हैं—
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भारत में रेलवे नेटवर्क के शुरुआती विकास के दौरान ट्रैक बिछाने और स्टेशन निर्माण के लिए औसत समुद्र तल (Mean Sea Level) को आधार माना जाता था।
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इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता था कि स्टेशन और ट्रैक बाढ़ या समुद्री ज्वार के खतरे से सुरक्षित रहें।
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स्टेशन के पास अन्य निर्माण कार्य, जैसे पुल, बिल्डिंग आदि बनाने में भी यह डेटा सहायक होता था।
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ट्रेन चालक के लिए भी यह जानकारी उपयोगी थी। उदाहरण के तौर पर यदि स्टेशन की ऊंचाई 100 मीटर से बढ़कर 200 मीटर हो, तो चालक समझ सकता है कि आगे चढ़ाई है और उसे इंजन की शक्ति बढ़ाने की जरूरत होगी।
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इसी तरह ढलान पर आते समय चालक गति को नियंत्रित करने के लिए इस सूचना का उपयोग करता था।
आज क्यों कई नए स्टेशनों पर यह जानकारी नहीं लिखी होती?
आज रेलवे ट्रेनों की गति, इंजिन शक्ति और रूट प्लानिंग पहले से डिजिटल सिस्टम के द्वारा नियंत्रित करता है। ट्रेनों की मॉनिटरिंग मौसम, ट्रैफिक, समय और अन्य आधुनिक कारकों के आधार पर होती है। इसलिए नए स्टेशनों पर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ का उल्लेख अनिवार्य नहीं रह गया है।

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